No Bail Celebration : जमानत का जश्न मनाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, जमानत रद्द करने की चेतावनी!
New Delhi : देखा जा रहा है कि जमानत मिलने पर आरोपी और उसके समर्थक ऐसे जश्न मनाते हैं, जैसे उन्हें केस से बरी ही कर दिया गया हो। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के जश्न पर सख्त रुख अपनाया। शीर्ष अदालत ने ऐसे ही एक मामले में आरोपी को उसकी जमानत रद्द करने की चेतावनी भी दी है।
महाराष्ट्र के एक कथित अपराधी को जमानत मिलने के बाद उसके समर्थकों ने जश्न मनाया और जुलूस निकाला। गाड़ियों के काफिले के साथ सड़क पर जश्न मना। जेसीबी से फूलों की बारिश की गई। इससे राह चलते लोगों को भी काफी दिक्कतें हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और जमानत रद्द करने की चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि जमानत पर छूटे व्यक्ति द्वारा ऐसा जश्न मनाना गवाहों को डराने जैसा है।
मामला महाराष्ट्र के नेवासा का है, जहां सोपन गाडे नाम का आपराधिक व्यक्ति कई मामलों में आरोपी है। इसमें 2013 का एक हत्या का मामला भी शामिल है। निचली अदालत और बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की वजह से उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सोपन गाडे को जमानत दे दी, क्योंकि वह लगभग दस साल से जेल में था।
जमानत मिलते ही सोपन गाडे ने नेवासा शहर में अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला। इस जुलूस में 100 से 150 चार पहिया वाहन और 70-80 दोपहिया वाहन शामिल थे। इस मामले में शिकायतकर्ता आसिफ खान ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी. विश्वनाथन की बेंच के सामने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सोपन गाडे के समर्थकों ने पटाखे फोड़े और जेसीबी से फूल बरसाए। इससे नेशनल हाइवे पर 5-6 घंटे तक जाम लगा रहा।
शिकायतकर्ता ने सोपन गाडे की जमानत रद्द करने की मांग की। यह भी कहा कि पिछले साल 16 दिसंबर को लोगों में अपना खौफ पैदा करने के लिए सोपन ने 100 से 150 चार पहिया और 70 से 80 दोपहिया वाहनों के साथ जुलूस निकाला। इस जुलूस का सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण किया गया। उन्होंने पटाखे फोड़े और आरोपी का स्वागत करने के लिए जेसीबी से फूल बरसाए। इस रैली के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर 5-6 घंटे तक जाम लगा रहा।’
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। बेंच ने कहा कि नेताओं में जमानत मिलने के बाद समर्थकों के साथ रैली निकालने की प्रवृत्ति बन गई है। जब सोपन के वकील ने कहा कि उनके समर्थकों ने रैली का आयोजन किया था तो बेंच ने कहा कि आप जुलूस निकालने और रैली का आयोजन करने के लिए माफी मांगें। आपको यह भी लिखित में देना होगा कि आप भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।