No Butter Fighting For Votes : ‘मैं वोट के लिए मक्खन नहीं लगाता, काम पसंद आए तो ही वोट देना!’

नितिन गडकरी ने कहा 'अगर लोग मेरा काम पसंद करें तो ठीक, नहीं तो मुझे वोट मत देना!'

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नितिन गडकरी

No Butter Fighting For Votes : ‘मैं वोट के लिए मक्खन नहीं लगाता, काम पसंद आए तो ही वोट देना!’

Nagpur : केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का राजनीति का अपना अलग ही अंदाज है। वे थोथी घोषणाएं करने और आश्वासन देने में विश्वास नहीं रखते। वे काम करने में विश्वास रखते हैं और दावे से बोलते हैं कि मेरा काम पसंद आए तो मुझे वोट देना। क्योंकि, मैं वोट के लिए मक्खन लगाने में विश्वास नहीं करता।

नितिन गडकरी ने साफ कहा कि अगर लोगों को उनका काम पसंद आए तो वोट दें, नहीं तो मत दें। सोमवार को वे नागपुर में डॉ मोहन धारिया राष्ट्र निर्माण पुरस्कार समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वे वोट के लिए मक्खन नहीं लगाते। गडकरी ने कहा कि मैं देश में जैव ईंधन और वाटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग कर रहा हूं। अगर लोग इन्हें पसंद करते हैं, तो ठीक है, नहीं तो मुझे वोट मत दें। मैं पॉपुलर पॉलिटिक्स के लिए ज्यादा मक्खन लगाने को तैयार नहीं हूं।

गडकरी ने कहा कि जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और बंजर भूमि के सही इस्तेमाल जैसे क्षेत्रों में प्रयोग की काफी गुंजाइश है। हमारी ओर से इसे लेकर बड़ी लगन से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे इससे प्यार भी है। भाजपा नेता ने कहा कि भविष्य में हमें इस क्षेत्र में और अधिक मेहनत करनी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यह न केवल भारत की अर्थव्यवस्था बल्कि ग्रामीण इलाकों की सूरत भी बदल सकता है। हमने देश भर में इस तरह के कई प्रयोग शुरू किए हैं। अगर लोगों को यह पसंद आया, तो वे मुझे वोट देंगे, नहीं तो वे मुझे खारिज भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राजनीति पैसे कमाने का धंधा नहीं है। राजनीति का अर्थ सामाजिक कार्य, राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना और विकास से जुड़े कार्य करना भी है। सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ही राजनीति का मुख्य लक्ष्य है। गडकरी ने कहा कि सतत विकास आधुनिक दुनिया में सफलता की मुख्य कुंजी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के बिना विकास टिकने वाला नहीं है। मॉर्डन वर्ल्ड में विकास भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बांस के इस्तेलमाल पर भी जोर दिया।

बांस की खेती की वकालात
आर्थिक विकास को लेकर वे बांस की खेती की वकालत करते नजर आए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए बांस की खेती बेहतरीन विकल्प है। बहुत कम निवेश से ही किसान बांस की खेती से लाभ कमा सकते हैं। इसी तरह उन्होंने गन्ने से इथेनॉल बनाने की भी अहमियत बताई। गडकरी ने कहा कि राज्य में किसानों के लिए यह एक और लाभ कमाने का जरिया साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि इथेनॉल के इस्तेमाल से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद मिल सकती है।