No Charge Even After 4 Months : तबादले के चार महीने बाद भी चार्ज नहीं दिया!

कमरे में भी ताला जड़ा, दस साल बाद शिकायत पर हुआ था तबादला!

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No Charge Even After 4 Months : तबादले के चार महीने बाद भी चार्ज नहीं दिया!

इंदौर से गोविंद राठौड़ की रिपोर्ट

Indore : रंगवासा ग्राम पंचायत के सचिव रमेश भामर की कई शिकायतें जनपद और जिला पंचायत में की गई। लेकिन, अब तक किसी पर भी कार्रवाई नहीं की गई। 10 साल बाद उनका ट्रांसफर हुआ, लेकिन चार माह से सचिव ने चार्ज नहीं सौंपा। इसे देखकर लग रहा है कि इसके अधिकारियों की मिलीभगत है।

पंचायत सचिव के खिलाफ तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच भी चल रही है। जांच भी इतनी धीमी गति से चल रही है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। वहीं भामर का ट्रांसफर महू जनपद पंचायत की ग्राम जाफराबाद में किया गया, लेकिन अभी तक उसने वहां का चार्ज नहीं लिया। जबकि, सामान्यतः तीन साल में पंचायत सचिवों को बदल दिया जाता है। पर, रमेश भामर में ऐसी क्या खासियत थी कि उन्हें 10 साल तक एक ही जगह रहने दिया गया।

कई शिकायतों के बाद भी उनकी फाइल दबाई जाती रही। भामर के खिलाफ अनियमितता की शिकायतों पर अपनी और से वकील को पैरवी करने भेज दिया। मामला विभागीय है, फिर भी शिकायतों की जांच आज भी लंबित हैं। जिस सचिव के खिलाफ कई गंभीर मामलों की शिकायतें लंबित हों, उसके खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर विभाग ने उसे पड़ोस की ही पंचायत में ट्रांसफर कर एक तरह से इनाम दिया है।

महीनों से कक्ष पर ताला
पूर्व सचिव अधिकारियों को इस प्रकार चुनौती दे रहा है कि सचिव कक्ष का चार महीने से ताला नहीं खुल पाया। इस कारण ग्रामवासियों को मृत्यु प्रमाण पत्र, समग्र आईडी, कर्मचारियों को पैसा नहीं नहीं मिल पा रहा है। नए सचिव को चार्ज देने की शिकायत आला अधिकारियों को सरपंच द्वारा भी की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जानकारी अनुसार भामर अभी भी शाम को पंचायत में आता है और दस्तावेजों का हेरफेर करता है।

करोड़पतियों को पट्टे
उनके खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत रंगवासा पंचायत की आबादी क्षेत्र की जमीनों के 59 पट्टे करोड़पतियों को बांटे जाने की है। उसने वारिसान प्रमाण पत्र भी बांट दिए, जबकि वारिसान प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार तहसीलदार व एसडीएम को ही है। जानकारी अनुसार रंगवासा पंचायत द्वारा ही करीब 14 लोगों को वारिसनामा प्रमाण-पत्र भी बांट दिए गए, जो कि नियम विरूद्ध है। बताया जा रहा है कि वारिसनामा प्रमाण-पत्र देने का अधिकार ग्राम पंचायत को है ही नहीं। इसकी सुनवाई वर्तमान में तहसीलदार कार्यालय राऊ में चल रही है। सप्रमाण शिकायत होने के बाद भी राजनीतिक दबाव, प्रभाव और अफसरों के संरक्षण के चलते इस शिकायत के एक साल बाद भी ठंडे बस्ते में पड़ी थी। काफी कोशिशों के बाद शिकायतकर्ताओं ने इसकी सुनवाई शुरू करवाई गई।

पंचायत के काम रुके
ग्राम पंचायत रंगवासा के सरपंच ममतेश चौहान का कहना है कि पंचायत में नए सचिव को चार्ज नहीं मिलने के कारण रोज के काम प्रभावित हो रहे हैं। हम इसकी शिकायत जिला और जनपद पंचायत में भी की है। अभी पंचायत में मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य काम नहीं हो पा रहे।