No Cleaning Monitoring : कचरा गाड़ियों की निगरानी नहीं कर रहे NGO, हर वार्ड में कचरा फैला!
Indore : स्वच्छता में सातवीं बार नंबर-1 आने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव भले ही लगातार कोशिश कर रहे हों, पर शहर के लगभग हर वार्ड में बिखरा कचरा और गंदगी सभी को दिखाई दे रही है। कॉलोनियों की बैक लेनों में कचरा भरा पड़ा है। कचरा गाड़ियां घरों से कचरा संग्रहण के लिए समय पर नहीं पहुंच रही। इस सबका कारण है कि कचरा गाड़ियों पर निगरानी करने वाले एनजीओ कई महीनों से गायब हो गए। ऐसी लापरवाही में इंदौर स्वच्छता का सातवां आसमान कैसे छुएगा!
इन्हीं एनजीओ की जिम्मेदारी सड़कों और बैक लेन में फैले कचरे के बारे में नगर निगम के झोनल कार्यालय पर सूचना देने की है। लेकिन, जब एनजीओ के कर्मचारी ही काम नहीं कर रहे, तो कचरे और गंदगी की सूचना कौन देगा! यही कारण है कि बैक लेनों में कचरा भरा है। ऐसे में इंदौर स्वच्छता में सातवां आसमान कैसे छुएगा। जानकारी अनुसार कॉलोनी-मोहल्लों में घर-घर से कचरा संग्रहण करने वाली नगर निगम की कचरा गाड़ियों पर निगरानी करने की जिम्मेदारी एनजीओ कर्मचारियों की है। नगर निगम इस कार्य के लिए एनजीओ को हर महीने लाखों रुपए का भुगतान करता है। इसके बावजूद एनजीओ के कर्मचारी सड़कों से गायब हो गए।
बिना काम के भुगतान
एनजीओ अब बिना काम किए ही लाखों रुपए घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं। उधर, नगर निगम और स्वच्छ भारत मिशन के जिम्मेदार अधिकारी भी इन एनजीओ पर नजरें इनायत किए हुए हैं। कॉलोनी-मोहल्ले में कचरा फैला होने के बाद भी एनजीओ मॉनिटरिंग नहीं कर रहे। निगम से एनजीओ को लाखों रुपए महीने का भुगतान हो रहा है, पर निगरानी कोई नहीं कर रहा। इन पर लगाम भी नहीं कसी जा रही। कई वार्डों में तो हालत यह हो गई, कि दो दिनों में एक बार कचरा गाड़ी पहुंच रही है। लोग शिकायत करते हैं, तो भी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही।
पार्षद करेंगे निगरानी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि हमने हर वार्ड के पार्षदों को इन एनजीओ पर निगरानी के लिए कहा है। पार्षद ही एनजीओ कर्मचारी की हाजिरी भी देखेंगे और मुझे रिपोर्ट देंगे। जबकि, स्वच्छ भारत मिशन के महेश शर्मा से जब इस मामले में निगम का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो उन्होंने फोन रिसीव करना भी उचित नहीं समझा।
भंगार हो गईं हो कचरा गाड़ियां
नगर निगम की अधिकांश कचरा गाड़ियां अब भंगार हो चली। निगम इन पर रंगरोगन करवाकर काम चला रहा है। इसके साथ ही गाड़ियों का मेंटेनेंस भी उचित प्रकार से नहीं हो रहा, जिससे गाड़ियां भरपूर धुआं उगल रही हैं। ये धुआं शहर को प्रदूषित कर रहा है। स्थिति ये है कि झोन 15 के झेडओ नदीम खान ने अपने झोन का सारा अटाला झोन के बाहर ही रखवा दिया। इससे पूरे झोन के परिसर में कचरा फेल रहा है। उन्होंने ये कचरा उठवाने तक की पहल तक नहीं की। जब झोन ही गंदा होगा कि कैसे उम्मीद की जाए कि शहर साफ़ होगा।