Bhopal : प्रदेश के गृह मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने इस बात से इंकार किया कि महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के सीधे चुनाव का कोई अध्यादेश राज्यपाल को भेजा गया है।
गृह मंत्री के इस बयान के बाद निकाय चुनाव की प्रणाली में बदलाव को लेकर जो खबरें आ रही है उस पर विराम लग गया है और सस्पेंस गहराता जा रहा है।
अपने निवास पर नियमित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इस आशय के एक सवाल पर कहा कि महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष या ग्राम पंचायत अध्यक्ष के सीधे चुनाव का कोई अध्यादेश राज्यपाल को नहीं भेजा गया है।
इससे पहले कल देर रात ये खबर सामने आई थी कि महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष जनता ही चुनेगी, यानी इसके सीधे चुनाव होंगे। लेकिन, आज राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस बात से इंकार किया। ख़बरों में कहा गया था कि यह फैसला मंगलवार देर शाम भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ हुई बैठक के बाद लिया। इसमें तय किया गया कि नगरीय निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे। खबर तो यहां तक थी की इस संबंध में अध्यादेश राजभवन पहुंच चुका है। इसका मतलब साफ था कि सरकार नगरीय निकायों के चुनाव एक बार फिर प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए नया अध्यादेश लेकर आ रही है।
कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय लिया था। जैसे ही, शिवराज चौथी बार सत्ता में आए, उन्होंने कमलनाथ सरकार के इस फैसले को एक अध्यादेश के जरिए पलट दिया। लेकिन, इसे विधानसभा में डेढ़ साल तक पेश नहीं किया गया। इससे कमलनाथ सरकार के समय बनाई गई, यह व्यवस्था आज भी प्रभावी है।
गृह मंत्री के आज के बयान से फिलहाल तो एक तरह से यह स्पष्ट है कि महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के सीधे चुनाव नहीं होंगे। फिर कल देर रात मुख्यमंत्री शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव के बीच में इसको लेकर क्या चर्चा हुई? और अब आगे क्या होगा यह देखना दिलचस्प होगा?