No Fire NOC : 112 अस्पतालों के पास फायर NOC नहीं, अंतिम नोटिस जारी!
Indore : फायर एनओसी जमा करने में निजी अस्पतालों की लापरवाही लंबे समय से चली आ रही है। इस बात से कलेक्टर इलैयाराजा टी भी नाराज है। इसे लेकर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करने से पहले अस्पतालों को अंतिम नोटिस देने के लिए कहा है। सीएमएचओ ने भी कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए अस्पतालों की सूची तैयार कर ली है।
निजी अस्पतालों ने पिछले छह महीनों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई चेतावनियों को भी गंभीरता से नहीं लिया। यह अस्पताल इंदौर नगर निगम से बिना किसी फायर एनओसी के चल रहे हैं और न उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से नवीनीकरण की अनुमति ली हैं। यह सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते अस्पताल संचालित कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिले में बिना अग्नि सुरक्षा उपायों के चल रहे 100 से ज्यादा निजी अस्पतालों की पहचान कर ली गई है।
कलेक्टर के निर्देश पर इन अस्पतालों को 15 दिनों का समय दे रहे हैं। यह आखिरी नोटिस होगा, इसके बाद हम रजिस्ट्रेशन रद्द करने और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई करेंगे। इससे पहले स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 बिस्तर से कम क्षमता वाले अस्पतालों को फायर एनओसी के बजाय फायर सर्टिफिकेट लेने का निर्देश दिया था। फायर एनओसी के मानदंडों में बदलाव के बाद सुविधाओं की पहचान की गई। नए मानदंड 16 जनवरी को जारी किए गए थे।
नए मानदंडों में कम से कम 50 बेड या 15 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई वाले अस्पताल भवनों या किसी भी स्तर पर 500 वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र वाली सुविधाओं के लिए फायर एनओसी अनिवार्य है। रविवार को भी फायर एनओसी के संबंध में सभी निजी अस्पतालों की बैठक बुलाई थी। जिसमें सीएमएचओ डॉ बीएस सैत्या ने सभी अस्पतालों को फायर एनओसी देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि 50 से कम बिस्तर वाले अस्पताल फायर सर्टिफिकेट जमा करा दे, वहीं 50 से ज्यादा बिस्तर क्षमता वाले अस्पतालों को नगर निगम से फायर एनओसी देना होगी। वहीं फायर एनओसी नहीं लेने का कारण यह सामने आ रहा है कि अस्पताल संचालक कमर्शियल टैक्स नहीं भरना चाहते हैं। वहीं इस संबंध में सीएमएचओ डॉ सैत्या का कहना है कि कुछ दिनों का समय अस्पतालों को दिया है। इसके बाद भी वह फायर एनओसी नहीं लेते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।