No helmet, no drive: बालाघाट में एसपी ने रोकी नेताजी की बाइक, मच गया बवाल”

कानून बनाम रौब की जंग” “पूर्व विधायक बोले- गाड़ी चोरी की है, जो करना है कर लो; एसपी बोले – कानून सबके लिए समान है”

431

No helmet, no drive: बालाघाट में एसपी ने रोकी नेताजी की बाइक, मच गया बवाल”

Balaghat: सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान मंगलवार को बालाघाट शहर में उस समय अचानक माहौल गरमा गया जब ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए सड़कों पर उतरे SP आदित्य मिश्रा IPS ने बिना हेलमेट बाइक चला रहे ex MLA उमाशंकर मुंजारे को रोक लिया। आम वाहन चालकों की तरह जांच-पड़ताल शुरू हुई तो नेताजी का तेवर बदल गया और बात बहस तक जा पहुंची। मामला यहीं नहीं थमा- पुलिस ने नियमों के तहत चालान काटते हुए उनकी बाइक जब्त कर ली।

*कानून सबके लिए एक समान : एसपी मिश्रा*

सूत्रों के अनुसार, एसपी आदित्य मिश्रा शहर में ‘‘नो हेलमेट, नो ड्राइव’’ अभियान की निगरानी कर रहे थे। इस दौरान पूर्व विधायक बिना हेलमेट के मोटरसाइकिल चलाते दिखाई दिए। एसपी ने वाहन रोका और नियमानुसार हेलमेट तथा कागज़ दिखाने को कहा।

बताया जाता है कि पूर्व विधायक ने पहले तो सहयोग करने से इनकार किया, फिर एसपी को यह कहते हुए टोक दिया कि “आपको नहीं पता मैं कौन हूं।” इसके बाद पुलिस ने शांतिपूर्वक चालान प्रक्रिया शुरू की।

एसपी मिश्रा ने मौके पर कहा- “सड़क सुरक्षा नियम किसी एक व्यक्ति या वर्ग के लिए नहीं हैं। कानून के सामने सभी समान हैं। जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है, चाहे वह आम नागरिक हो या पूर्व जनप्रतिनिधि।”

*मैं विधायक रह चुका हूं कहकर जताया रोष*

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान नेताजी ने कहा कि “मुझे जानबूझकर रोका गया है” और यह भी जोड़ा कि “गाड़ी चोरी है, जो करना है कर लो।” उनके इस बयान पर मौजूद पुलिस टीम ने संयम बरतते हुए नियम के अनुरूप चालान काटा और वाहन थाने में जब्त कर लिया गया।

*स्थानीय राजनीति में गरमी*

घटना के बाद बालाघाट का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कुछ समर्थक इसे ‘‘अत्यधिक सख्ती’’ बता रहे हैं, जबकि आम नागरिकों का मत है कि एसपी का यह कदम कानून की साख बढ़ाने वाला है। कई लोगों ने कहा कि “जब आम जनता पर जुर्माना होता है तो नेता भी अपवाद नहीं होने चाहिए।’’

*जनप्रतिनिधियों को उदाहरण बनना चाहिए*

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने टिप्पणी की कि सड़क सुरक्षा का उद्देश्य जनता को सुरक्षित रखना है, पर जब कानून-निर्माण से जुड़े या प्रतिनिधित्व करने वाले लोग ही नियम तोड़ें, तो यह गलत संदेश देता है। जनता को प्रेरित करने के लिए जरूरी है कि नेता स्वयं नियम पालन का उदाहरण बनें।

*अभियान जारी रहेगा*

पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि आगामी दिनों में ‘‘नो हेलमेट, नो ड्राइव’’ अभियान और कठोरता से लागू किया जाएगा। बार-बार नियम तोड़ने वालों के खिलाफ लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही तक की तैयारी है।

बालाघाट में यह घटना सिर्फ एक ट्रैफिक चालान का मामला नहीं, बल्कि ‘‘कानून सबके लिए समान’’ के सिद्धांत का एक जीवंत उदाहरण बन गई है। एसपी आदित्य मिश्रा की सख्ती ने यह संदेश दिया कि सुरक्षा नियमों से ऊपर कोई नहीं- न आम नागरिक, न नेता।