

No NEET-UG Re-Test : दोबारा नहीं होगा नीट यूजी टेस्ट, हाई कोर्ट के आदेश से छात्रों को राहत नहीं!
Indore : नीट-यूजी परीक्षा केंद्र पर बिजली गुल होने और बारिश के चलते प्रभावित हुई नीट यूजी की परीक्षा (री-टेस्ट) दोबारा नहीं होगी। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने इस संबंध में दायर सभी याचिकाएं सुनवाई के बाद खारिज कर दी। कोर्ट के इस आदेश से छात्रों को किसी प्रकार की राहत नहीं मिल सकी। मामले में गुरुवार को फाइनल सुनाई हुई थी। इसके बाद 14 जुलाई को कोर्ट से 37 पेज का आर्डर जारी हुआ।
कोर्ट ने छात्रों की याचिकाओं को खारिज करते हुए एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की अपील मंजूर कर ली। एनटीए और स्शानीय प्रशासन को यह निर्देश दिए कि इस तरह की स्थिति से बचने परीक्षा केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करे। केंद्र तय होते समय इन बातों का ध्यान रखें, ताकि दोबारा ऐसी स्थिति नहीं बन सके। छात्रों की ओर से अधिवक्ता मृदुल भटनागर, नितीन भाटी, चिन्मय मेहता, विवेक शरण ने 70 याचिकाएं दायर कर मजबूती से अपने पक्ष रखे थे। इसमें वंशिका यादव केस का हवाला भी दिया, जिसमें री-टेस्ट की बात कही थी।
कोर्ट में यह कहा गया
अधिवक्ताओं ने कहा कि सालभर बच्चों द्वारा मेहनत की गई। उनके लिए एक-एक अंक अहम थे। एनटीए के किसी भी केंद्र के सीसीटीवी में यह नहीं बताया कि वहां अंधेरा था। एनटीए और शासन की ओर से कहा गया कि 49 में से केवल 18 केंद्रों पर ही पावर बेकअप का इश्यू था। दो केंद्रों पर दो मिनट समस्या आई थी। इन केंद्रों में से एक-एक से ऑल इंडिया रैंक टू अभ्यर्थी इंदौर से ही निकले हैं। 27 हजार से अधिक छात्रों में से केवल 70 ने ही याचिका लगाई।
180 में से 123 अंक भी मिले
एनटीए कहा कि कई छात्रों के चयन हुए हैं, वे कोई भी री-टेस्ट नहीं चाहते। सभी ने औसतन 180 सवाल में से 123 के उत्तर दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि यह सही बात है कि पालक चिंतित हैं। बच्चे महंगी कोचिंग करते हैं। सालभर मेहनत करते हैं और सपने देखते हैं, लेकिन यह भी सही है कि 22 लाख परीक्षार्थी बैठते हैं और सीट एक लाख ही है। ऐसे में चयन प्रतिशत बहुत कम है। यह नहीं कह सकते हैं कि इन केंद्रों पर और बेहतर व्यवस्था होती तो इन्हें अधिक अंक आएंगे। ऐसी परिस्थिति देखने के बाद री-टेस्ट की अपील स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में जो वंशिका केस में री-टेस्ट की बात कही थी, वह अलग केस था। इसमें पेपर लीक वाली बात थी।