
कम्यूटेड पेंशन को लेकर कोई नया आदेश नहीं
नई दिल्ली: हाल ही में पेंशन को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर यह दावा किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन की वसूली अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष 8 माह कर दिया है। इस दावे के संदर्भ में भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना और उपलब्ध आधिकारिक रिकॉर्ड की जांच की गई, जिसमें स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई है।
15 दिसम्बर 2025 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण PFRDA द्वारा जारी की गई है। यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली NPS के अंतर्गत निकास और प्रत्याहरण नियमों में संशोधन से संबंधित है। अधिसूचना में NPS सब्सक्राइबर्स के लिए निकासी और वार्षिकी से जुड़े प्रावधानों में बदलाव किए गए हैं।
यह अधिसूचना Central Civil Services (Commutation of Pension) Rules, 1981 के अंतर्गत आने वाली कम्यूटेड पेंशन व्यवस्था से संबंधित नहीं है। वर्तमान में केंद्रीय और राज्य सरकारी कर्मचारियों की कम्यूटेड पेंशन की बहाली की अवधि अभी भी 15 वर्ष ही प्रभावी है।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 वर्ष की अवधि को 128 माह करने का कोई सार्वदेशिक या लागू निर्णय जारी नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेशों में जिस फैसले का उल्लेख किया जा रहा है, उसका कोई आधिकारिक न्यायिक आदेश या सरकारी अधिसूचना उपलब्ध नहीं है।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, PFRDA की नई अधिसूचना केवल NPS व्यवस्था के तहत आने वाले कर्मचारियों और सब्सक्राइबर्स पर लागू होती है। इसका असर न तो पुरानी पेंशन योजना OPS पर है और न ही कम्यूटेड पेंशन की वसूली या बहाली की अवधि पर।
इस तरह, कम्यूटेड पेंशन की अवधि घटने को लेकर फैलाई जा रही खबरें सही नहीं पाई गई हैं और फिलहाल पेंशन नियमों में इस संबंध में कोई बदलाव लागू नहीं हुआ है।





