
No Relief from HC in Helmet Case : ‘हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं’ मामले में हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली!
दो जनहित याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने कहा कि अंतरिम राहत का कोई मामला नहीं बनता!
Indore : प्रथम दृष्टया 30 जुलाई 2025 का आक्षेपित आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के तहत मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 और 194-डी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए शक्तियों का प्रयोग करते हुए पारित किया गया है। वह भी सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में 29 जुलाई 2025 को आयोजित बैठक के बाद। इसलिए, इस स्तर पर, अंतरिम राहत का कोई मामला नहीं बनता।
चूँकि इस याचिका में इंदौर शहर की यातायात समस्या से संबंधित मुद्दा शामिल है, अतः इस याचिका को रिट याचिका संख्या 12234/2019 (जनहित याचिका) के साथ समतुल्य सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। इस बीच, प्रतिवादियों को इस मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि हेलमेट न पहनने वालों को 1 अगस्त से पेट्रोल नहीं देने के कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं लगाई गई थी। इन पर सोमवार (4 अगस्त) को बहस हुई।इस दौरान कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने की आवश्यकता पर बल दिया है। साथ ही सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
इस दौरान याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि शहर के मध्य क्षेत्र में हेलमेट की कोई आवश्यकता नहीं है। कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट हाईकोर्ट में प्रशासनिक जज जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बीके द्विवेदी की कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश के खिलाफ कई तर्क रखे।
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