No Saree Cluster : मंदिर की भूमि को साड़ी क्लस्टर बनाने की योजना से प्रशासन पीछे हटा!
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
Ratlam : शहर के प्राचीन धर्मस्थल श्री कालिका माता मंदिर की भूमि को रतलाम विकास प्राधिकरण की पहल पर साड़ी क्लस्टर में बदलने की कोशिश से प्रशासन पीछे हट गया।जबकि, तहसील कार्यालय रतलाम ने इस संबंध में 20 दिसंबर को शासकीय विज्ञप्ति जारी की थी। इस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया था कि कालिका माता मंदिर की भूमि को साड़ी क्लस्टर के लिए विकास प्राधिकरण को आवंटित करने का प्रस्ताव पारित हुआ हैं।
इस पर 2 जनवरी तक आपत्तियां भी मांगी गई थी। लेकिन, ‘मीडियावाला’ में इस आशय के समाचार के प्रकाशन के बाद प्रशासन ने ऐसे किसी प्रस्ताव से अपने हाथ खींच लिए।
शुक्रवार को प्रशासन ने बकायदा विज्ञप्ति जारी करके जानकारी दी कि साड़ी क्लस्टर के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं। विभिन्न स्त्रोतों से साड़ी क्लस्टर निर्माण के संबंध में प्रसारित समाचारों के संबंध में शहर तहसीलदार अनीता चोकोटिया ने समाचारों का खंडन करते हुए बताया कि रतलाम शहर में शासकीय कालिका माता मंदिर की भूमि पर साड़ी क्लस्टर निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं हैं। लेकिन,उन्होंने यह नहीं बताया कि 20 दिसंबर 2022 को जारी विज्ञप्ति को क्या प्रशासन ने वापस ले लिया हैं।
तहसीलदार की 20 दिसम्बर की विज्ञप्ति जारी होने पर सनातन धर्मावलमिबयों में भारी रोष की स्थिति बनी थी।इस पर सनातन धर्म सभा के सदस्यों ने धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर को शिकायत करते हुए इस योजना को अन्यत्र स्थान पर तब्दील करने की मांग भी की थी।इस सर्वे नम्बर की भूमि साड़ी क्लस्टर के लिए आवंटित नहीं करते हुए धार्मिक कार्यक्रम के लिए आरक्षित किए जाने की मांग की थी।कोर्ट ऑफ वार्ड्स की कोई भी भूमि आवंटित करने का अधिकार तहसीलदार को नहीं होने की बात भी बात की गई थी।
इस संदर्भ में धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को भी शिकायत की गई हैं उनसे भी मांग की गई थी, कि उक्त सर्वे नम्बर की भूमि रतलाम विकास प्राधिकरण को आवंटित नहीं किया जाएं। उन्होंने शिकायत में कलेक्टर रतलाम को निर्देशित करने का अनुरोध किया था।
क्या कहना है तहसीलदार का
मामले में शहर तहसीलदार अनीता चोकोटिया ने बताया कि रतलाम शहर में शासकीय कालिका माता मंदिर की भूमि पर साड़ी क्लस्टर निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 2 दिन अवकाश हैं, सोमवार को कार्यालयीन समय में विज्ञप्ति वापस लेने का आदेश जारी किया जाएगा।