No Temples in Police Stations : पुलिस थानों में मंदिर बनाने पर हाईकोर्ट की रोक
Jabalpur : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पॉकिस थानों के अंदर मंदिरों के निर्माण को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन, मुख्य सचिव, डीजीपी, जबलपुर जिले के एसपी, चार थानों के थाना प्रभारी के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि आखिरकार कैसे शासकीय जमीन पर मंदिर बन रहे हैं।
हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि मध्य प्रदेश में कई थानों के अंदर धार्मिक स्थल खासतौर से मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है। जब उनसे पूछा जाता है कि यह निर्माण किसके आदेश पर और क्यों हो रहा है, तो उनके पास किसी तरह का कोई जवाब नहीं होता है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने न सिर्फ नाराजगी व्यक्ति की, बल्कि प्रदेश शासन से जवाब मांगा है।
एक याचिका पर हुआ ये फैसला
ओपी यादव नाम के एक शख्स ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें यह कहा गया था कि मध्य प्रदेश में थानों के अंदर अवैध रूप से मंदिरों का निर्माण हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से हो रहे इन निर्माणों पर रोक लगा दी। साथ ही नगरीय प्रशासन, जबलपुर एसपी, कलेक्टर एवं चार थानेदारों सिविल लाइन, विजयनगर, मदन महल और लार्डगंज को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ओपी यादव के वकील सतीश वर्मा ने इस सुनवाई में अपना पक्ष रखा।
कोई जवाब नहीं था किसी के पास
नोटिस जारी होने के बाद पूरे मध्य प्रदेश में अब इस फैसले की चर्चा हो रही है। इस मामले में अगली सुनवाई जल्द होने वाली है। वकील सतीश वर्मा ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने जब थानों के अंदर मंदिर बनवाए जाने का कारण पूछा तो किसी के पास कोई जवाब नहीं था।