No Time for Namaz : मुस्लिम विधायकों को नमाज के लिए मिलने वाला 2 घंटे का समय बंद, JDU, लोजपा नाराज!

सवाल किया कि क्या मां कामाख्या मंदिर की बलि की प्रथा पर प्रतिबंध लगा सकते हैं?

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No Time for Namaz : मुस्लिम विधायकों को नमाज के लिए मिलने वाला 2 घंटे का समय बंद, JDU, लोजपा नाराज!

New Delhi : असम विधानसभा में मुस्लिम विधायकों को शुक्रवार के दिन नमाज के लिए मिलने वाली 2 घंटे की छुट्टी बंद करने का फैसला किया गया। यह प्रथा 1937 में शुरू हुई थी और परसों से बंद कर दी गई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इससे कार्यकुशलता बढ़ेगी। इस पर एनडीए के प्रमुख सहयोगी दलों में शामिल नीतीश कुमार की जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी ने आपत्ति ली। दोनों ही दलों ने मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने के लिए शुक्रवार को मिलने वाले 2 घंटे का अवकाश बंद करने के राज्य विधानसभा के फैसले की आलोचना की। वहीं, मुख्यमंत्री ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह फैसला हिंदू और मुस्लिम विधायकों के बीच आम सहमति से लिया गया है।

जेडीयू पदाधिकारी नीरज कुमार ने विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए दो घंटे के स्थगन की प्रथा को समाप्त करने के असम सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरमा को गरीबी उन्मूलन और बाढ़ की रोकथाम जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय देश के संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

हर धार्मिक विश्वास को अपनी परंपराओं को संरक्षित करने का अधिकार है। मैं मुख्यमंत्री सरमा से पूछना चाहता हूं कि आप रमजान के दौरान शुक्रवार की छुट्टियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और दावा करते हैं कि इससे कार्य कुशलता बढ़ेगी। हिंदू परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मां कामाख्या मंदिर है, क्या आप वहां बलि की प्रथा पर प्रतिबंध लगा सकते हैं?

सरकार ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हमारी विधानसभा के हिंदू और मुस्लिम विधायक नियम समिति में बैठे और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि दो घंटे का ब्रेक सही नहीं है। हमें इस दौरान भी काम करना चाहिए। जेडीयू के वरिष्ठ पदाधिकारी केसी त्यागी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, आस्था और पूजा की स्वतंत्रता का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे संविधान की भावना और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। एलजेपी के दिल्ली अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी असम सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई और सुझाव दिया कि धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए।

सरमा सस्ती लोकप्रियता का आरोप

असम विधानसभा में दो घंटे का जुमा अवकाश रद्द किए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने असम के सीएम सरमा पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का आरोप लगाया। सरमा ने कहा कि मैं 2 घंटे के जुमा ब्रेक को फिर से लागू करूंगा, अगर मुझे सलाह देने वाले लोग अपने-अपने राज्यों में चार घंटे के ब्रेक को लागू कर दें। उन्होंने कहा कि असम विधानसभा को छोड़कर, लोकसभा या राज्यसभा सहित कहीं भी 1937 से ब्रिटिश विरासत की ऐसी प्रथा का प्रावधान नहीं है।