Non-AC Passenger Coach : 10 हजार नॉन-एसी यात्री डिब्बों का निर्माण होगा, यात्रियों को भीड़ से मुक्ति मिलेगी!

भारतीय रेल ने 'अमृत भारत' रेलगाड़ी सेवाओं का परिचालन भी शुरू कर दिया!

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Non-AC Passenger Coach : 10 हजार नॉन-एसी यात्री डिब्बों का निर्माण होगा, यात्रियों को भीड़ से मुक्ति मिलेगी!

New Delhi : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि रेलवे के पास 10 हजार नॉन-एसी सवारी डिब्बों के निर्माण की योजना है। एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगले दो सालों में रेलवे 10 हजार नॉन एसी डिब्बे बनाएगा। यह सफर की बढ़ती डिमांड को पूरा करेगा। रेल मंत्री ने बताया कि 2024-25 में 4,485 और 2025-26 में 5,444 डिब्बे बनाए जाएंगे। ज्‍यादातर डिब्बे जनरल श्रेणी के होंगे।

हाल ही में रेलवे ने दो नई ‘अमृत भारत’ ट्रेनें शुरू की हैं। इनमें बिना AC वाले डिब्बे हैं। ये ट्रेनें आम आदमी को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। इनमें कई खास सुविधाएं दी गई हैं। दोनों तरफ इंजन होने की वजह से ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
रेल मंत्री ने बताया कि मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की संरचना संबंधी मौजूदा नीति के तहत 22 डिब्बों की रेलगाड़ी होती है। इसमें सामान्य और स्लीपर कैटेगरी के 12 गैर-वातानुकूलित डिब्बों और 8 वातानुकूलित डिब्बों का प्रावधान होता है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोविड महामारी के कारण 2019 से 2024 के बीच यात्री यातायात में काफी अंतर आया। बहरहाल, भारतीय रेल अलग-अलग बनावट के साथ विभिन्न प्रकार की नियमित समय-सारणी वाली रेलगाड़ियों को ऑपरेट करता है। इनमें उपनगरीय कम दूरी की पैसेंजर गाड़ियां, लंबी दूरी/मेल एक्सप्रेस/सुपरफास्ट गाड़ियां भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा नीति के तहत मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की संरचना के संबंध में 22 डिब्बों की गाड़ियां हैं। इनमें 12 सामान्य और स्लीपर श्रेणी के गैर-वातानुकूलित रेल डिब्बों और 8 एसी वाली बोगियों का प्रावधान है। इससे सामान्य और नॉन-एसी स्लीपर कोच के यात्रियों को अधिक स्थान मिलता है।

दो-तिहाई नॉन-एसी बोगियां
रेल मंत्री ने कहा कि इस समय रेलगाड़ी सेवाओं के परिचालन के लिए उपयोग किए जा रहे कुल सवारी डिब्बों में से दो-तिहाई नॉन-एसी और एक-तिहाई वातानुकूलित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने अमृत भारत रेलगाड़ी सेवाओं का परिचालन भी शुरू कर दिया है जो यात्रियों को उच्च गुणवता वाली सेवाएं प्रदान करने वाली पूर्ण रूप से गैर-वातानुकूलित रेलगाड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई मांग को ध्यान में रखते हए भारतीय रेल ने जरूरी कदम उठाए हैं। सामान्य और शयनयान श्रेणी के सवारी डिब्बों सहित 10 हजार गैर-वातानुकूलित सवारी डिब्बों के विनिर्माण की योजना है।