समय-सीमा में जानकारी नहीं देना, सिविल सर्जन को पड़ा भारी, लगा जुर्माना

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भोपाल: लोकसेवा गारंटी पोर्टल पर प्राप्त एक आवेदन पत्र में निर्धारित समय-सीमा के अंदर सेवा प्रदाय नहीं करने के आरोप में मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के सिविल सर्जन डॉ. विनोद गुप्ता को 2 हजार 750 रूपये जुर्माने की शास्ति अधिरोपित की गई है।

साथ ही भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने के लिये सचेत भी किया गया है।

प्राप्त आदेश के अनुसार लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता को 23 दिसम्बर 2021 को लोकसेवा गारंटी पोर्टल पर एक आवेदन पत्र भेजा गया, जिसका निराकरण नियत दिनांक तक नहीं किया गया।

समयावधि में सेवा प्रदाय नहीं करना लोकसेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है।

अधिनियम की धारा 7(1)(ख) के प्रावधानों के अनुसार पदाभिहित अधिकारी पर सेवा में विलंब के कारण प्रकरण पर प्रतिदिन 2750 रूपये दंडित करने का प्रावधान है।

जुर्माने की वसूली संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन के आगामी माह के वेतन से की जाकर उसे शीर्ष 0070(70)(800) में जमा कर चालान की प्रति कलेक्टर कार्यालय को भेजने के निर्देश दिये गये है। यह जुर्माने की राशि संबंधित हितग्राही को भुगतान की जायेगी, जिसको सेवा प्रदाय की जाना थी।