Not Successful Then Commit Suicide : UPSC पास नहीं हुआ तो चौथी मंजिल से आग लगाकर कूद पड़ा!
Jhansi (UP) : यूपीएससी की परीक्षा में लगातार असफल होने पर झांसी की चित्रकूट कॉलोनी के एक छात्र ने अपने घर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाई और फिर चौथी मंजिल से कूद गया। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई। यह कदम उठाने वाले छात्र के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मौत के सौ से भी ज्यादा कारण हो सकते हैं।
घटना के अनुसार, परीक्षा में लगातार असफल होने पर आत्महत्या करने वाले छात्र की मां घटना के वक्त सोच रही थी, कि बेटा अपने कमरे में पढ़ रहा है। जबकि ,घर के बाहर गली में उसकी लाश जल रही थी। मुंह से चीख न निकले, इसके लिए आत्महत्या करने से पहले छात्र ने अपने मुंह में कपड़ा ठूंस लिया और खुद को आग के हवाले कर लिया। वह शाम को ही स्कूटर में पेट्रोल भरवाकर लाया था। छात्र ने अपनी मौत का इस तरह से प्लान तैयार किया था, जिससे उसे किसी भी तरह से बचाया न जा सके।
सीपरी बाजार की चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले आरपीएफ फिरोजाबाद में तैनात दरोगा मनोज कुमार रजक के पुत्र मयूर रजक (26) की लाश बीती रात 3.05 बजे उसके घर के पास जली अवस्था में मिली। सीपरी बाजार थाने में तैनात सिपाही पंकज की उस पर नजर पड़ी। सिपाही ड्यूटी खत्म कर अपने घर जा रहा था। सिपाही की सूचना पर तत्काल प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पांडेय की अगुवाई में टीम मौके पर पहुंच गई। इसके बाद सीईओ सिटी राजेश कुमार राय भी घटनास्थल पर आ गए। पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही मयूर की मौत हो चुकी थी और उसकी लाश जल रही थी। फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया, लेकिन दमकल के आने से पहले ही पुलिस ने आग बुझा दी।
मयूर के घर का दरवाजा खटखटाया
पुलिस ने कॉलोनी में रहने वाले लोगों के दरवाजे खटखटा कर शव की शिनाख्त की कोशिश की, लेकिन जली हुई अवस्था में होने की वजह से कोई पहचान नहीं सका। इस दरम्यान पुलिस ने मयूर के घर का दरवाजा भी खटखटाया। बाहर आई मां अनीता ने पुलिस को बताया कि घर में वह और उसका बेटा है। बेटा ऊपर वाले कमरे में पढ़ रहा है। मां ने आवाज लगाई तो ऊपर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। इस पर पुलिस ने ऊपर जाकर देखा तो मयूर अपने कमरे में नहीं था। फोन करने पर उसका मोबाइल घर की तीसरी मंजिल पर मिला।
जली बाल्टी में पेट्रोल की दुर्गंध
इस पर पुलिस घर की चौथी मंजिल पर पहुंची। वहां एक जली हुई बाल्टी मिली, जिसमें से पेट्रोल की दुर्गंध आ रही थी। जबकि, घर के निचले हिस्से में खड़े स्कूटर की टंकी से पाइप निकला हुआ मिला, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह स्कूटर में से पेट्रोल निकालकर बाल्टी में भरकर घर की चौथी मंजिल पर ले गया था। इसके बाद उसने खुद को आग के हवाले किया और छत से छलांग लगा दी।
मृतक के ताऊ सेवानिवृत्त अपर सांख्यिकी अधिकारी हरिकृष्ण रजक ने बताया कि मयूर शाम को ही स्कूटर में पेट्रोल भरवाकर लाया था। रोजाना की तरह खाना खाकर वह अपने कमरे में पढ़ने चला गया था। वह हमेशा देर रात तक पढ़ाई करता था। मां सोच रही थी कि बेटा पढ़ रहा है, जबकि बेटे की लाश घर के बाहर जल रही थी।