Notice on Substandard Construction : पहली बार किसी बड़े अधिकारी को नोटिस थमाया!
Indore : एमजी रोड की निर्माणाधीन सड़क के घटिया बनने को लेकर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी तथा ठेकेदार से जवाब मांगा है। दोनों को लिखित में जवाब पेश करना होगा। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी।
शहर के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है, जब किसी बड़े अधिकारी को नोटिस थमा दिया गया है। आठ माह पहले बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री चौराहा तक सड़क चौड़ीकरण कार्य हो रहा है। निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने से कई जगह दरारें आ गई है। काम में भी लगातार विलंब होता जा रहा है। ठेकेदार को सड़क निर्माण के दौरान उच्च क्वालिटी की सामग्री इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे, ताकि सड़क की गुणवत्ता बनी रही। लेकिन ठेकेदार ने टेंडर शर्तों का उल्लंघन कर घटिया सामग्री का उपयोग किया।
सामग्री की जांच कार्यपालन यंत्री को करना थी, लेकिन उन्होंने भी सामग्री को देखना उचित नहीं समझा। यही कारण है कि बनने के तत्काल बाद ही सड़क में दरार आने लगी है। अब इन दरारों को भरने में समय और राशि खर्च करना पड़ रही है। निगम आयुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए शनिवार को कार्यपालन यंत्री और ठेकेदार को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस का संतुष्टि भरा जवाब नहीं दिया गया तो ठेकेदार का भुगतान रोक दिया जाएगा, वहीं, कार्यपालन यंत्री पर विभागीय जांच बैठा दी जाएगी।
विधायक ने आवाज उठाई
विधायक संजय शुक्ला ने सबसे पहले आवाज उठाते हुए कहा था शहर का सबसे प्रमुख और व्यस्त मार्ग एमजी रोड का निर्माण घटिया हुआ है। नगर निगम द्वारा स्मार्ट सड़क के रूप में जिस सड़क को बनाया जा रहा था, वह पूरी होने से पहले ही उखड़ने लगी। इस घटिया निर्माण के लिए केवल ठेकेदार पर पेनल्टी लगाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी का निर्धारण किया जाना चाहिए । इस कार्य को संभालने वाले इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की जाना चाहिए। पूरी होने से पहले ही यह सड़क कई स्थानों पर उखड़ने लगी है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी यह कहकर अपनी पीठ ठोकने में लगे हैं कि अभी ठेकेदार का 10 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। विधायक ने कहा कि जब भी नगर निगम कोई सड़क बनाता है तो उस सड़क के लिए इंजीनियरों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इन इंजीनियरों का यह काम होता है कि वे सड़क के निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर नजर रखें। दुर्भाग्य से नगर निगम के इंजीनियर गुणवत्ता पर ध्यान देने के बजाय ठेकेदार से मिलने वाले कमीशन पर ही ध्यान रखते हैं। यही कारण है कि ठेकेदार घटिया निर्माण करता है। ऐसे इंजीनियर्स को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस सड़क के घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदारी का निर्धारण होना चाहिए और इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की जाना चाहिए।