कंस्ट्रक्शन वर्क के रूल्स की अब सरकारी इंजीनियरों को देनी होगी परीक्षा!

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कंस्ट्रक्शन वर्क के रूल्स की अब सरकारी इंजीनियरों को देनी होगी परीक्षा!

भोपाल। राजधानी में निर्मित 90 डिग्री टर्न वाला रेलवे ओवरब्रिज और इंदौर में भी जेड आकार का ब्रिज के तैयार होने से सरकारी इंजीनियरों की प्लानिंग पर सवालिया निशान पिछले दिनों खड़े हुए थे। इसके अलावा भी प्रदेश में कई जगहों से सड़क, पुल, भवनों के निर्माण में ऐसी गड़बड़ियां सामने आने के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को कंस्ट्रक्शन वर्क के रूल्स की विभागीय परीक्षा आयोजित करने की प्लानिंग की गयी थी। इस परीक्षा में मिले नंबरों के आधार पर फील्ड में पोस्टिंग दी जाएगी और जवाबदारी के काम सौंपे जाएंगे।

*पहले अगस्त में होनी थी अब कब यह तय नहीं* 

पहले सोचा गया था कि इसको 15 अगस्त के बाद आयोजित किया जाएगा जिसमें कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री स्तर के इंजीनियर्स शामिल होने थे जबकि चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को इनकी सिर्फ स्टडी करनी थी लेकिन स्थिति अब यह है कि यह परीक्षा कब आयोजित होगी यह तय नहीं हो पाया है। लेकिन दूसरी तरफ आधी नौकरी बीतने के बाद अब इंजीनियरो की वेदना यह है कि वह पढ़ाई के लिये समय ही नहीं निकाल पा रहे हैं। यह उस समय हुआ है जब सूखी सेवनिया का आरओबी की सड़क का एक हिस्सा धंस चुका है।

*क्या योजना थी* 

पीडब्ल्यूडी ने भवन, सड़क और पुल बनाने के मामले में मापदंडों का पालन नहीं किए जाने पर इंजीनियरों पर सख्ती की तैयारी की है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने एक निर्देश जारी कर कहा था कि प्रदेश में कई स्थानों पर भवन, सड़क और पुल बनाने का काम किया जा रहा है। इसकी क्वालिटी में गड़बड़ी न हो और निर्माण कार्य का टिकाऊपन (ड्यूरेबिलिटी) बना रहना चाहिए। सुरक्षा मानकों का पालन पूरी तरह से होना जरूरी है। इंडियन रोड कांग्रेस और नेशनल बिल्डिंग कोड के साथ भारतीय मानक कोड के आधार पर काम करना होगा। विभाग के सब इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को मानकों का दोबारा और अच्छे से अध्ययन करना होगा।