अब जी-20 में भी खिला कमल…
एक दिसंबर 2022 से G-20 का अध्यक्ष बनकर भारत बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहा है। जी-20 की वैश्विक जनसंख्या में दो-तिहाई, वैश्विक व्यापार में तीन-चौथाई और वैश्विक GDP में 85 फीसदी भागीदारी है। भारत एक दिसंबर से इतने बड़े समूह की, इतने सामर्थ्यवान समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है। भारत के लिए और हर भारतवासी के लिए यह गर्व की बात है। तो प्रमुख भाव यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में G-20 का लोगो, थीम और वेबसाइट जारी की थी। जी-20 के इस लोगो में कमल का फूल चित्रित है, जो भारत की पौराणिक धरोहर और संस्कृति को तो प्रदर्शित कर ही रहा है और राजनैतिक नजरिए से देखा जाए तो अब भारत के साथ जी-20 के वृहद क्षेत्र तक कमल का फूल खिल गया है। निश्चित तौर से राष्ट्रीयता और देशभक्ति के लिहाज से एक दिसंबर का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया है। मोदी के मन की बात पर गौर करें तो इस लोगो और थीम के जरिए भारत ने एक संदेश दिया है। युद्ध के लिए बुद्ध के जो संदेश हैं, हिंसा के प्रतिरोध में महात्मा गांधी के जो समाधान हैं, G20 के जरिए भारत उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊर्जा दे रहा है। G-20 का यह लोगो केवल एक प्रतीक चिह्न नहीं है। यह एक संदेश है। यह एक भावना है, जो हमारी रगों में है। यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल रहा है। इसमें वसुधैव कुटुंबकम् के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की जिस भावना को हम जीते आए हैं, वह विचार इस लोगो और थीम में झलक रहा है।
भारत ने एक दिसंबर 2022 को मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया से शक्तिशाली समूह जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर ली। G20 यानी 20 देशों का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। इससे जी-20 की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। जी-20 सम्मेलन का आयोजन पंजाब के अमृतसर में अगले साल मार्च में किया जाएगा। जी-20 सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर 19 देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और एक यूरोपीय संघ शामिल होता है। नेताओं के शिखर सम्मेलन में, 19 देशों के नेताओं और यूरोपीय संघ के नेता शामिल होते हैं और मंत्री स्तर की बैठकों में, 19 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक गवर्नर और यूरोपीय संघ के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं। प्रत्येक वर्ष स्पेन के अलावा, जी-20 के मेहमानों में आसियान देशों के अध्यक्ष, दो अफ्रीकी देश (अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष और अफ्रीका के विकास के लिए नई साझेदारी के प्रतिनिधि) और एक देश (कभी-कभी एक से अधिक) जी-20 के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है, आमतौर पर वे अपने ही क्षेत्र से होते हैं। भारत 30 दिसम्बर 2023 तक G-20 का अध्यक्ष बना रहेगा, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी है। भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी।
मोदी की खासियत है कि जब अवसर मिलता है, तो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। भारत जिस बड़े पैमाने पर सम्मेलन के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर रहा है उतने बड़े पैमाने पर अब तक जी-20 की बैठक नहीं हुई है। चीन में 14 और इंडोनेशिया में 25 शहरों में जी-20 की बैठक आयोजित हुई थीं। भारत 90 शहरों में बैठक आयोजित कर इतिहास बनाएगा। देश के 75 विश्वविद्यालयों के युवाओं को सम्मेलन का हिस्सा बनाने की योजना है। जी-20 से संबंधित सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे जहां लोग फोटो खिंचा सकेंगे। ऑडियो-वीडियो के माध्यम से देश के नागरिकों को सम्मेलन की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। एफएम रेडियो भी प्रचार का माध्यम बनेगा।
तो आइए हम सब भारतीय इस गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि का स्वागत करते हैं। और आगामी एक साल तक की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं। जी-20 से संबंधित सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेने का मौका मिले तो हाथ से न जाने दें। 21वीं सदी की दूसरी बड़ी उपलब्धियों में यह भी महत्वपूर्ण है। कमल का फूल खिल रहा है, इसकी व्याख्या किसी भी नजरिए से हो लेकिन जी-20 की अध्यक्षता के नाते हर भारतीय को गर्व की अनुभूति ही देगी।