अब कोरोना पर नजर रखो रोजाना…
कोरोना के कहर से सब परिचित हैं। देश ही नहीं पूरी दुनिया इससे आहत है। 2023 में अब एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है। सावधान होने की नसीहत मिलने लगी है। मध्यप्रदेश में रोज जारी हो रहे कोरोना बुलेटिन की मानें तो 7 अगस्त को 810 जांच में से 29 प्रकरण पॉजिटिव दर्ज किए गए। यह जांच का 3.5 प्रतिशत है। नए प्रकरण में से 14 मरीज स्वस्थ हुए हैं और फिलहाल 179 एक्टिव प्रकरण हैं। इससे पहले 26-26 नए प्रकरण दर्ज हुए थे। बढ़ते प्रकरण यह इंगित कर रहे हैं कि अब एक बार फिर कोरोना के प्रकरणों पर तो रोजाना नजर रखने की जरूरत है ही, पर साथ ही सावधानी बरतने की भी पूरी जरूरत है। सड़कों पर एक चेतावनी भरा स्लोगन अक्सर पढ़ने को मिलता है कि “दुर्घटना से देर भली”, तो इसी तरह कोरोना के मामले में भी यह बात समझी जा सकती है कि “कोरोना से सावधानी भली”। क्योंकि कोरोना का दंश सभी झेल चुके हैं। यह भले ही कहा जा रहा हो कि कोरोना इस बार पहले की तरह कोहराम नहीं मचाएगा, पर जिसके लिए घातक बन गया तो फिर कोई नहीं बचा पाएगा। ऐसे दृश्य कोरोना की पहली तीन लहरों में सब देख चुके हैं और वह खौफ का मंजर अब भी भुला पाना आसान नहीं है। तो सावधानी बरतकर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाना है, ताकि बाद में अपनी लापरवाही पर पछताना न पड़े।
यह दो दिन पहले की जानकारी है, जिसे पढ़कर डर पैदा होना सामान्य बात है, पर राहत भरी यह बात है कि जान का खतरा कम है। जानकारी यह है कि 24 घंटे में कोरोना के 5335 नए केस दर्ज हुए हैं और 13 मौतें हुई हैं। आईआईटी कानपुर के सीनियर साइंटिस्ट का मानना है कि मई से रोजाना 20 हजार केस आ सकते हैं। सूचना का विस्तार यह था कि देश में साढे़ 6 महीने बाद कोरोना के नए मामले 5 हजार से ज्यादा आए हैं। बुधवार यानि 5 अप्रैल 2023 को 5,335 नए मामले मिले, जबकि 13 लोगों की मौत हुई। इससे पहले 22 सितंबर को 5,383 मामले सामने आए थे। बुधवार को 2,826 लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए। फिलहाल देश में 25,587 एक्टिव केस हैं। ये 9 अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा हैं। तब 25,488 लोगों का इलाज चल रहा था। आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से डरने की जरूरत नहीं है। यह सामान्य खांसी-जुकाम की तरह रहेगा। अभी बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े सिर्फ संख्या हैं। इतनी बड़ी आबादी में 30 या 40 केस मिलना गंभीर बात नहीं है, लेकिन देश में मई से रोजाना 20 हजार तक केस आ सकते हैं। कोविड मैनेजमेंट को लेकर केंद्र की मीटिंग देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच बुधवार को गवर्नमेंट इम्पावर्ड ग्रुप वन की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कोविड मैनेजमेंट को लेकर चर्चा की गई। अध्यक्षता डॉ. वीके पॉल ने की। सरकार ने मई 2020 में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 6 इम्पावर्ड ग्रुप बनाए थे। इनमें सरकार के 50 से ज्यादा सीनियर अधिकारी शामिल थे। मई 2021 में इन ग्रुप्स की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई थी।
आगे बताया गया कि मार्च के मुकाबले अप्रैल में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के डेली केस में इजाफा तेज हो गया है। फिलहाल पॉजिटिविटी रेट 3.32% है। मार्च के 31 दिनाें में कोरोना के 31,902 केस सामने आए थे। इसके मुकाबले अप्रैल के 5 दिनों में ही 20,273 नए केस मिल चुके हैं। ये मार्च के कुल नए केस का 63.5% है।अगर औसत देखें तो मार्च में रोजाना औसतन 1 हजार नए केस मिले थे,जबकि अप्रैल में रोजाना औसतन 4 हजार मामले आ रहे हैं। अगर संक्रमण दर यही रही तो अप्रैल में 1.20 लाख नए मामले आने की आशंका है। हालांकि रोजाना जिस हिसाब से नए केस बढ़ रहे हैं, उसके मुताबिक अप्रैल के कुल केस इससे ज्यादा हो सकते हैं। देश में मंगलवार को मिले 5,335 नए केस में से 3,730 सिर्फ 5 राज्यों में मिले हैं। इनमें केरल सबसे आगे है। यहां करीब 2 हजार नए केस मिले हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 569, दिल्ली में 509, हिमाचल प्रदेश में 389 और गुजरात में 351 केस सामने आए हैं।
मध्यप्रदेश के सरकारी रिकॉर्ड में फिलहाल भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर और सीहोर में मामले दर्ज हुए हैं। जांचों की मुहिम अभी सुस्त है और मरीज भी दुरुस्त महसूस कर रहे हैं। पर जब केस बढ़ेंगे, तब स्थितियां डरावनी हो सकती हैं। तो हम सावधानी बरतकर कोरोना से बचाव कर सकते हैं और इसे भयावह होने से भी रोक सकते हैं। मध्यप्रदेश में यह साल चुनावी है, सो भीड़भाड़ में जाने की स्थितियां बनना आम बात है। पर सावधानी बरतकर भयमुक्त रहा जा सकता है।