अब नाथ संग गुलाबी गैंग …

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अब नाथ संग गुलाबी गैंग …

अब मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए गुलाबी गैंग ने नाथ की तरफ हाथ बढ़ाए हैं। गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल ने विश्वास जताया है कि गुलाबी गैंग की लाखों महिलाएं शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।‌ सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लगातार संघर्षरत गुलाबी गैंग की प्रमुख संपत पाल अब मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को उखाड़ फैंकने का दम भर रही है। हालांकि इसमें कितनी सफलता मिलेगी, यह एक साल बाद साफ हो जाएगा। और तब गैंग और गिरोह की सार्थकता राजनीति में कितनी कारगर है, इस पर भी मुहर लग जाएगी।

संपत पाल की चर्चा हुई है, तो हम उनके बारे में जान लेते हैं। संपत पाल उत्तर प्रदेश के  बुंदेलखंड क्षेत्र से एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह गुलाबी गैंग की संस्थापक हैं , जो उत्तर प्रदेश स्थित एक सामाजिक संगठन है, जो महिला कल्याण और सशक्तिकरण के लिए काम करता है। वह कलर्स टीवी के रियलिटी शो बिग बॉस 6 की प्रतिभागी बनकर भी चर्चा में आईं थीं। संपत पाल ने महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए गुलाबी गिरोह की स्थापना की। यह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैले 270,000 सदस्यों के साथ एक संगठित महिला आंदोलन के रूप में विकसित हुआ। महिलाएं गुलाबी साड़ी पहनती हैं और खुद को बांस की छड़ियों से लैस करती हैं, जिसका इस्तेमाल वे हिंसक प्रतिरोध के खिलाफ आने पर करती हैं।पाल ने फ्रांसीसी पत्रकार ऐनी बर्थोड के सहयोग से लिखी गई एक आत्मकथा में अपने प्रारंभिक जीवन का वर्णन किया है।बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांदा जिला एक “उच्च जाति-ग्रस्त, सामंतवादी और पुरुष प्रधान समाज है। दहेज की मांग और घरेलू और यौन हिंसा आम हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि गरीबी, भेदभाव और अंधराष्ट्रवाद के इस परिदृश्य में एक महिला सतर्कता समूह उभरा है। 2 मार्च 2014 को, पाल को गुलाबी गैंग के प्रमुख के रूप में वित्तीय अनियमितता के आरोपों के बीच और समूह के लोगों के आगे अपने व्यक्तिगत हितों को रखने की भूमिका से मुक्त कर दिया गया था।

तो अब सामाजिक सरोकार से राजनैतिक सरोकार की यात्रा की साक्षी बन रही है गुलाबी गैंग। वैसे नाथ का साथ संत और सामाजिक सुधारक देते रहे हैं। पिछले दृश्यों पर गौर करें तो कम्प्यूटर बाबा का उदाहरण सबक सिखा रहा है कि राजनैतिक गतिविधियों से जुड़ना कभी-कभी जीवन में बुरे दौर में भी ले जाता है। हालांकि परदा गिरता है और राजनीतिक गतिविधियां फिर उसी ऊर्जा और उत्साह के साथ चलती रहती हैं। अब आधी आबादी को लुभाने में गुलाबी गैंग कितनी कारगर साबित होगी, यह देखने वाली बात होगी।