Now OBC reservation for transgenders in MP: सरकारी कार्यक्रमों में मिलेट्स से बनी एक डिश परोसी जाएगी

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Now OBC reservation for transgenders in MP: सरकारी कार्यक्रमों में मिलेट्स से बनी एक डिश परोसी जाएगी

 

भोपाल : मध्यप्रदेश में अब ट्रांसजेंडर OBC कैटेगरी में शामिल किए जाएंगे।वही गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं, तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। एमपी में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट्स मिशन शुरू होगा। इसके तहत सरकारी कार्यक्रमों के भोजन में मिलेट्स से बनी कम से कम एक डिश परोसी जाएगी। मिड-डे मील में भी हफ्ते में एक दिन बच्चों को मोटे अनाज का व्यंजन दिया जाएगा। हॉस्टल में भी हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे जायेंगे। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।

 

कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर को शामिल किया जाएगा।

कैबिनेट में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट्स (मोटा अनाज) मिशन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मोटे अनाज के प्रचार – प्रसार, इसके उत्पादन और इसके उपयोग, इन तीनों आयामों पर मिशन काम करेंगा। इस मिशन की अवधि 2025 तक 2 साल के लिए रहेगी। किसानों को सहकारी संस्थान मोटे अनाज के बीज 80% सब्सिडी पर उपलब्ध कराएंगे। कार्यशाला और प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए सरकार अलग से जन जागरण अभियान चलाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जो किसान मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं, उन्हें बड़े स्तर पर उसका आर्थिक लाभ मिल सके।

 

हॉस्टल में भी हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बने व्यंजन बनाया जायेगा।मध्यप्रदेश में मोटे अनाज को लेकर जागरूकता के लिए अगले 2 साल में बड़े स्तर पर काम करेंगे। इस मिशन के लिए अलग से लगभग 2325 लाख रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है।

मोटे अनाज को मिलेट्स कहते हैं। यह 2 प्रकार का होता है, एक मोटा दाना और दूसरा छोटा दाना। मिलेट में ज्‍वार, बाजरा, रागी, झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी, कोदो, चेना, सामा या सांवा और जौ आदि आते हैं।

गेहूं निर्यातक किसानों के मंडी शुल्क की होगी भरपाई

गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं, तो उसकी भरपाई सरकार करेगी।

मूंग में आर्थिक नुकसान पर सरकार मार्कफेड को देगी मदद

देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 40% उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। बीते साल मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। इसका उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया गया था, लेकिन मार्कफेड से सिर्फ 25% मूंग केंद्र सरकार द्वारा ली गई थी। बाकी प्रति 75% मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा किया गया था। सरकार ने यह निश्चित किया था कि मूंग को लेकर मार्कफेड को जो आर्थिक हानि हुई है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।

उज्जैन में बनेगा बांध 

कैबिनेट ने सिंचाई की 2 बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति दी। उज्जैन जिले के महिदपुर विकासखंड के ग्राम डूंगरिया के समीप छपरा नदी पर बांध बनाया जाएगा। इसमें 104 करोड़ रुपए की लागत से बांध निर्माण होगा। इसके साथ ही टिटौली डिस्ट्रीब्यूटर परियोजना के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी आज की बैठक में दी गई।

बीपीसीएल लगाएगी बीना में रिफाइनरी प्लांट, 15 साल तक मिलेगी 15 हजार करोड़ की छूट

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) अपना एक प्लांट बीना रिफाइनरी कैम्पस में लगाएगा। कंपनी 45 से 50 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट करेगी। सरकार कंपनी को स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (SGST) में 15 हजार करोड़ की छूट 15 साल तक के लिए देगी।

बीना रिफाइनरी के कैंपस में लगने वाले प्लांट में गैसोलीन, डीजल, एलएलडीपी और पॉलीप्रोपलीन का प्रोडक्शन होगा। इस प्लांट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

BPCL ने मप्र सरकार से कुछ रियायतें मांगी थीं। सरकार, BPCL को 500 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्री लोन उपलब्ध कराएगी। BPCL ने बिजली में 1 रु. प्रति यूनिट की रियायत मांगी है। इसे भी निवेश संवर्धन समिति ने मंजूरी दी है।