हमीदिया अस्पताल में अब सिफारिशी मरीजों को भी लगना होगा कतार में

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हमीदिया अस्पताल में अब सिफारिशी मरीजों को भी लगना होगा कतार में

भोपाल। हमीदिया अस्पताल में पहुंचने वाले सिफारिशी और एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सीधे डॉक्टरों के पास पहुंचकर इलाज कराने वाले मरीज परेशानी का सबब बन रहे हैं। न सिर्फ सामान्य मरीज बल्कि अस्पताल प्रबंधन इनसे निजात पाना चाहता है। यही वजह है कि तमाम विभाग के एचओडी को निर्देश दिए गए हैं कि बिना ओपीडी रजिस्ट्रेशन पर्चे के मरीजों को नहीं देखा जाएगा। इतना ही नहीं, इसकी सूचना तमाम विभागों के ओपीडी में डिस्प्ले करने को भी कहा गया है। हमीदिया के सूत्रों की मानें तो यहां एक दिन में आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या 500 से 600 के करीब है। इनमें 100 से ज्यादा मरीज ऐसे होते हैं जो नेताओं, अधिकारियों या फिर स्टाफ में किसी से सिफारिश लगवाकर सीधे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। जबकि, 500 से ज्यादा मरीज ऐसे होते हैं, जो एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सीधे डॉक्टरों के पास पहुंचकर इलाज कराते हैं।

अन्य मरीजों को लगता है समय

सिफारिशी मरीजों के कारण सबसे ज्यादा परेशानी लंबी कतार में लगकर इलाज कराने आए सामान्य मरीजों की होती है। उनको पहले ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए काउंटर पर कतार में लगना पड़ता है। फिर ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में मरीज को एक घंटा तक लग जाता है। जबकि, कोई सिफारिशी मरीज आता है तो उसे 10 मिनट में इलाज मिल जाता है।

दवाओं का गणित भी गड़बड़ाता है

दिनभर में 100 से ज्यादा मरीज ऐसे आते हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन कराए सीधे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। किसी रसूखदार की सिफारिश के चलते डॉक्टर न सिर्फ मरीज को देखता है बल्कि सादे पर्चे पर लिखकर उनकी जांच कराई जाती है, जरूरत के मुताबिक दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इनको दी गई दवाओं का रिकॉर्ड नहीं होता है, ऐसे में यहां दवाओं का गणित गड़बड़ाता है।

समय बचाने के लिए नहीं कराते रजिस्ट्रेशन

500 से भी ज्यादा मरीज ऐसे आते हैं, जिन्होंने एक बार रजिस्ट्रेशन कराया और दोबारा इलाज कराने आए तो री-रजिस्ट्रेशन कराए बगैर सीधे डॉक्टर के पास पहुंच गए। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि हमीदिया की ओपीडी 3500 तक है, लेकिन री-रजिस्ट्रेशन नहीं होने से संख्या 3000 से कम है।