
अब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में ‘एसआईआर’ हंगामा…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
बिहार में एसआईआर बवाल के बाद अब 12 राज्यों में इसका विस्तार हो रहा है। इनमें तीन राज्यों में महासंग्राम होने की नौबत आने वाली है। यह तीन राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल हैं। पश्चिम बंगाल में दीदी ने तो पहले ही हुंकार भर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने छठ की शुभकामनाएं दीं और बिहार के मतदाताओं को धन्यवाद कहा। और बिहार की सफलता के बाद अब 12 राज्यों में ‘एसआईआर’ (स्पेशल इंटीग्रेटेड रिवीजन) की घोषणा कर दी। सीईसी ने बताया कि एसआईआर से बनी मतदाता सूची पर बिहार में ‘जीरो अपील’ दर्ज हुई है। तो अब बाकी राज्यों में वह सब नेता तकलीफ में आने वाले हैं, जो फर्जी मतदाताओं के सहारे जीत से प्रीत लगाए रहे हैं। 27-28 अक्टूबर 2025 की रात वोटर लिस्ट फ्रीज हो रही है। इसके साथ ही राज्य एसआईआर के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
विपक्ष हैरान और परेशान है। आखिर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी वर्सेज सीईसी बन चुकी एसआईआर प्रक्रिया में गांधी समेत पूरा विपक्ष धाराशाई हो गया है, वहीं ज्ञानेश कुमार ने आर-पार के इस खेल में बाजी मार ली है। बिहार के पहले चरण के बाद ही अब 12 राज्यों में ‘एसआईआर’ (स्पेशल इंट्रीग्रेटेड रिवीजन) कार्यक्रम धूम मचाएगा और एसआईआर विरोधियों को मुंह भी चिढ़ाएगा। सीईसी बिहार में इस प्रक्रिया की सफलता पर जश्न मना रहे हैं। मतदाताओं की ओर से ‘जीरो अपील’ ने इस प्रणाली की सटीकता और प्रभावशीलता को प्रमाणित कर दिया है। पर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल शायद ही निर्वाचन आयोग और सीईसी के इस दावे से सहमत हो पाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाता के लिए पात्रता को भी स्पष्ट किया, जिसके अनुसार वोट देने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना, कम से कम 18 वर्ष की आयु पूरी करना, निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी होना और किसी भी कानून के तहत अयोग्य न होना आवश्यक है, जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 में निहित है। और इतना ही काफी है मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए। 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूची फ्रीज कर इन क्षेत्रों में विस्तृत एसआईआर अभ्यास शुरू करने से पहले मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के लिए यह महत्वपूर्ण है। और आज 28 अक्टूबर, 2025 से 12 राज्यों/संघशासित क्षेत्रों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गोवा,छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, राजस्थान और तीन केंद्र शासित प्रदेशों
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
निर्वाचन आयोग की ओर से एसआईआर के दूसरे फेज के एलान पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि अगर किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से हटाया गया तो टीएमसी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेगी। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन होगा। दिल्ली में निर्वाचन आयोग का घेराव होगा। तो ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है।
निर्वाचन आयोग एसआईआर करते हुए अपने दायित्व का पालन कर रहा है। और इसी तरह से राज्य की सरकारें भी अपने दायित्व का पालन करेंगी। पश्चिम बंगाल को लेकर दोबारा सवाल पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 324 के सब-क्लाज 6 के तहत मतदाता सूची तैयार करने के लिए या मतदान कराने के लिए जिन भी चुनावी कर्मियों की आवश्यकता चुनाव आयोग को होगी, वो मुहैया कराकर डेप्युटेशन पर देने के लिए राज्य सरकार बाध्य है.”
निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे फेज़ की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार पूरी तरह से देश के डेमोक्रैटिक सेटअप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
तस्वीर साफ है कि चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर कराने का एलान किया है। इस फेज में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल को भी शामिल किया गया है। इन तीनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। तो वहीं, असम को इस प्रक्रिया से अलग रखा गया है। असम में भी अगले साल चुनाव होने हैं। अब निर्वाचन आयोग की मंशा सीईसी जानें, पर विपक्ष को तो दाल में काला नजर आना भी चाहिए और आ भी रहा है…पर विपक्ष के हाथ और वश में कुछ भी नहीं है, यह विपक्ष की मजबूरी है…। पर अब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में ‘एसआईआर’ हंगामा होना तय है…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





