अब पहली दो तिमाही में अधिकतम 55 फीसदी बजट खर्च कर पाएंगे विभाग

केवल चौथी तिमाही में तीस प्रतिशत राशि करेंगे खर्च

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MPGood News For State Employees News:

भोपाल: प्रदेश के सरकारी महकमे अब पहली दो तिमाही के दौरान बजट की 55 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च नहीं कर पाएंगे। केवल साल की आखिरी तिमाही में ही तीस फीसदी बजट विभाग खर्च कर पाएंगे। वित्त विभाग ने विभागों के त्रैमासिक बजट के खर्च के लिए नऐ सिरे से सीलिंग तय कर दी है। किसानों को सहकारी बैंको के माध्यम से अल्पकालीन कृषि ऋ ण पर ब्याज अनुदान देना हो या लाड़ली लक्ष्मी योजना में राशि आबंटन करना हो या फिर स्मार्ट सिटी के काम करना हो इन सभी के लिए वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही राशि निकाली जा सकेगी। कुल चौदह विभाागों की योजनाओं को वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही राशि निकालने की अनुमति होगी।

संचालक बजट आईरिन सिंथिया ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को इस संबंध में निर्देश जारी किए है। जो नई त्रैमासिक व्यय सीमा मय की गई है उसमें पहले तीन त्रैमास के दौरान अधिकतम अस्सी फीसदी बजट ही खर्च किया जा सकेगा। यदि उपकरणों की खरीदी जैसे मदों पर एकमुश्त भुगतान करना जरुरी हो तो विभाग त्रैमासिक व्यय सीमा में शिथिलता के लिए प्रकरण वार प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज सकेगा।

विशेष व्यय सीमा- वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए पूंजीगत कार्यो के लिए विशेष व्यय सीमा तय की गई है। विशेष व्यय सीमा त्रैमासिक व्यय सीमाओं के स्थान पर लागू मानी जाएगी। इसमें त्रैमासिक व्यय सीमा लागू नहीं होगी। सबसे अधिक विशेष व्यय सीमा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए तय की गई है। विभाग पहले आठ महीने तक हर महीने 692 करोड़ रुपए और साल भर में 7 हजार 781 करोड् रुपए खर्च कर सकेगा। लोक निर्माण, पंचायत, उर्जा, नर्मदा घाटी विकास, जलसंसाधन, स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य, राजस्व, नगरीय विकास, वन , चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा सहित कुल चौदह विभागों के लिए विशेष व्वय सीमा तय की गई है।

प्रमुख योजनाओं के लिये वित्त विभाग की अनुमति जरुरी-
नगरीय विकास एवं आवास विभाग को स्मार्ट सिटी और नगरीय निकायों को कार्यशील पूंजी ऋण देने के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेना जरुरी होगा। गृह विभाग को पुलिस आवास योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग को लाड़ली लक्ष्मी योजना, चिकित्सा शिक्षा विभाग को नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना, सहकारिता विभाग को सहकारी बैंको के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन द्यण पर ब्याज अनुदान देने और मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के लिए राशि निकालने पहले वित्त विभाग से अनुमति लेना होगा। श्रम विभाग की मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना, कृषि विभाग की मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना, फसल अवशेष प्रबंधन योजना,जनजातीय कार्य विभाग में कक्षा नौवी से बारहवी तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए परिवहन योजना के लिए राशि वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही निकलेगी।