मुकुंदपुर चिड़ियाघर, रालामंडल अभ्यारण्य, वन विहार में घूमने अब पर्यटकों की जेब ज्यादा होगी ढीली,10 प्रतिशत बढ़ेगा प्रवेश शुल्क

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मुकुंदपुर चिड़ियाघर, रालामंडल अभ्यारण्य, वन विहार में घूमने अब पर्यटकों की जेब ज्यादा होगी ढीली,10 प्रतिशत बढ़ेगा प्रवेश शुल्क

भोपाल:वन विहार राष्ट्रीय उद्यान रालामंडल अभ्यारण्य और मुकुन्दपुर चिड़ियाघर में प्रवेश करने अब पर्यटकों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। वन विभाग ने यहां प्रवेश करने के लिए शुल्क में वृद्धि कर दी है। दोनो स्थानों पर अब नाईट सफारी भी शुरु की जाएगी।

इस साल एक अक्टूबर 2024 से शुरु होंने वाले सत्र में यह प्रवेश शुल्क राजपत्र में इसकी अधिसूचना प्रकाशन की तिथि एक नवंबर से प्रभावशील हो गया है। पैदल भ्रमण के लिए अब पच्चीस रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा। वहीं सायकल से प्रति व्यक्ति भ्रमण के तीस रुपए और वन विहार उद्यान की सायकल से भ्रमण के लिए चालीस रुपए शुल्क देना होगा। दो पहिया मोटर वाहन पर दो लोगों के लिए अस्सी रुपए, आटो रिक्शा से चार व्यक्तियों के लिए 120 रुपए, हल्के चार पहिया वाहन में पांच लोगों के लिए तीन सौ, हलके चार पहिया वाहन में पांच व्यक्तियों के लिए तीन सौ हलके चार पहिया वाहन जिसमें पांच से अधिक लोग बैठते है उसके लिए पांच सौ रुपए, बीस व्यक्ति को ले जाने वाली मिनी बस के 11 सौ रुपए और बीस से अधिक व्यक्तियों की क्षमता वाली बस के लिए 22 सौ रुपए प्रवेश शुल्क लगेगा।

गोल्फ कार्ट से भ्रमण के लिए प्रति व्यक्ति साठ रुपए, पांच दसे बारह वर्ष तक की आयु वाले बच्चों के लिए चालीस रुपए, पूरी गोल्फ कार्ट छह व्यक्तियों तक चार सौ रुपए और पांच वर्ष तक की आयु के बच्चे नि:शुल्क जा सकेंगे। प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराये गए वाहन से सफारी प्रति ट्रिप के लिए प्रति व्यक्ति सौ रुपए, पांच से बारह वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए तीस रुपए, पांच वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क और संपूर्ण सफारी वाहन के लिए छह व्यक्तियों की क्षमता तक एक हजार रुपए लगेंगे।

नाइट सफारी पंद्रह सौ रुपए में छह लोग घूम सकेंगे-

प्रबंधन के द्वारा उपलब्ध कराए वाहन पर सूर्यास्त के बाद सफारी भ्रमण के लिए प्रति ट्रिप संपूर्ण वाहन छह लोगों की क्षमता तक पंद्रह सौ रुपए शुल्क लगेगा। पांच से बारह वर्ष की आयु के बच्चे 150 रुपए और प्रति व्यस्क व्यक्ति के तीन सौ रुपए शुल्क नाइट सफारी के लिए लगेगा। बैटरी चलि वाहन के लिए इन दरों का 75 फीसदी राशि लगेगी। हर तीन साल में दस प्रतिशत प्रवेश शुल्क बढ़ाया जाएगा। विदेशी पर्यटकों को इस शुल्क का दुगना शुल्क देना होगा। अन्य संरक्षित वन क्षेत्रों में पर्यटन के लिए वर्ष 25-26 से प्रत्येक तीन वर्ष में दस प्रतिशत शुल्क बढ़ाया जाएगा।