

NSAB: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व R&AW प्रमुख आलोक जोशी बनाए गए चेयरमैन
नई दिल्ली: भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन करते हुए पूर्व R&AW प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।
7 सदस्यीय नए बोर्ड में सैन्य, कूटनीति और पुलिस सेवा के उच्च पदस्थ सेवानिवृत्त अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये है:
आलोक जोशी – पूर्व प्रमुख, रॉ (R&AW) – चेयरमैन
एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा पूर्व वेस्टर्न एयर कमांडर
लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह – पूर्व साउदर्न आर्मी कमांडर
रियर एडमिरल मोंटी खन्ना – पूर्व नौसेना अधिकारी
राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त IPS
मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त IPS
बी. वेंकटेश वर्मा – सेवानिवृत्त IFS और रूस में पूर्व भारतीय राजदूत
यह बोर्ड अब राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक मामलों, विदेश नीति और खुफिया समन्वय पर महत्वपूर्ण सुझाव और रणनीतिक सलाह देगा।
यह कदम सरकार के एकीकृत सुरक्षा दृष्टिकोण को और मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
NSAB की भूमिका और ऐतिहासिक योगदान
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को नीति निर्माण के लिए दीर्घकालिक सुझाव और विश्लेषण प्रदान करता है. इसकी स्थापना 1998 में वाजपेयी सरकार के समय हुई थी. अतीत में इस बोर्ड ने परमाणु नीति का मसौदा तैयार किया, रणनीतिक रक्षा समीक्षा की और राष्ट्रीय सुरक्षा की व्यापक समीक्षा में योगदान दिया.
बोर्ड आमतौर पर हर महीने बैठक करता है और आवश्यकतानुसार नीतिगत सलाह प्रदान करता है. इसके योगदान ने भारत की रक्षा और सुरक्षा नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
वर्तमान परिप्रेक्ष्य और भविष्य की दिशा
वर्तमान में भारत जिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव, चीन की आक्रामक गतिविधियां, साइबर युद्ध की संभावनाएं और आतंकवाद के नए रूप प्रमुख हैं. इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने NSAB को और अधिक प्रभावशाली, तकनीकी रूप से सक्षम और रणनीतिक रूप से केंद्रित बनाने की दिशा में यह बदलाव किया है.
भविष्य में NSAB से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह लंबे समय से लंबित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (National Security Strategy – NSS) को अंतिम रूप देने में निर्णायक भूमिका निभाएगा. यह रणनीति भारत की रक्षा, विदेश नीति और तकनीकी सुरक्षा को एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करेगी.
आलोक जोशी जैसे अनुभवी अधिकारी के नेतृत्व में, और विविध पृष्ठभूमि वाले विशेषज्ञों की मौजूदगी में नया NSAB भारत की सुरक्षा नीतियों को आधुनिक, व्यापक और सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. यह पुनर्गठन भारत को तेजी से बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने में सहायता करेगा.