Bhopal : MP के राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिलने राजभवन जा रही थी ‘न्याय यात्रा’ को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया। पीड़िता भारती कराड के पक्ष में कांग्रेस पार्टी ने यह ‘न्याय यात्रा’ निकाली थी। रेड क्रॉस चौराहे पर प्रशासन ने ीा यात्रा को रोक दिया। बहसबाजी के बावजूद भारती कराड और कांग्रेस नेताओं से राज्यपाल नहीं मिले।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, पीसी शर्मा, सज्जन सिंह वर्मा, विक्रांत भूरिया शामिल रहे। इसके विरोध स्वरूप कांग्रेस ने राजभवन में अपना ज्ञापन चिपका दिया।
प्रदेश के बहुचर्चित नेमावर हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस ने भोपाल में आज ‘न्याय यात्रा निकाली। घटना की पीड़ित भारती कारडे के पक्ष में इस यात्रा ने राज्यपाल से मिलने का रुख किया।
लेकिन, प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। प्रशासन के इस रुख का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया। नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों में काफी देर तक बहस भी हुई।
इसके बाद भारती कराडे के साथ साथ कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जांच की मांग को लेकर राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिलने पहुंचा। लेकिन, राज्यपाल कोविड नियमों का हवाला देकर प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले।
इसके बाद कांग्रेस ने राजभवन में अपना ज्ञापन चिपका दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आदिवासी समुदाय से आनेवाले राज्यपाल को भी अपने वर्ग के हितों की चिंता नहीं है।
राज्यपाल को ज्ञापन में बताया गया कि इस हत्याकांड में CBI जांच की घोषणा तो कर दी गई। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर अब तक दोषियों की गिरफ्तारी तक नहीं की गई। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद भारती ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से भी मुलाकात की।
भारती ने कहा कि प्रदेश भर में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ गया है। लेकिन, आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भारती ने कहा कि न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
कांग्रेस ने भोपाल प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज पर भी तीखे वार किए हैं। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी प्रदर्शन की तस्वीरों को साझा करते हुए कहा कि ‘न्याय यात्रा’ को बैरिकेडिंग द्वारा रोक विरोध किया।