OBC Reservation: ओबीसी वर्ग को शिवराज सिंह ने धोखे में रखा, आरक्षण को लेकर सरकार की नियत साफ नहीं : अरुण यादव

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भोपाल: पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर फैसला दिया, यह फैसला स्पष्ट कर रहा है कि नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव हो, आरक्षण को लेकर लेकिन उसका जो आंकड़ा है वह 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए और जो संविधान मैं जो उल्लेख किया है, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि ST, SC और OBC को मिलाकर 50% से ज्यादा नहीं हो कहते हैं कि ST 20% SC और OBC को 14 मैक्सिमम लिमिट है। 50% इस से ज्यादा आरक्षण नहीं मिल सकता, शिवराज सिंह चौहान की स्थिति ऐसी हो गई है कि “खोदा पहाड़ और निकली चुहिया”, और अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सवाल इस बात का है कि 56% आबादी ओबीसी वर्ग की है, उसके अनुसार आरक्षण देने की बात की जा रही है, कमलनाथ जी की सरकार में हमने स्पष्ट कहा था हम 27% आरक्षण देंगे, उसका फैसला, उसका उल्लेख हमने विधानसभा में किया उसके लिए प्रस्ताव पारित कराया, विधानसभा में पारित किया और बड़ी साफ नियत से हमने यह कहा था कि हम 27% आरक्षण देंगे, एक बड़ा धोखा मध्यप्रदेश के पिछड़ों के साथ फिर से सरकार ने और शिवराज सिंह चौहान ने किया है।

श्री यादव ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ होती तो व्यवस्थित आंकड़ों को प्रस्तुत किया जाता, अगर नियत साफ होती तो सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी दलील ठीक से पेश करते। जब नियत ही सरकार की खराब है और ओबीसी के खिलाफ है तो इस तरह के आंकड़े प्रस्तुत किए गये और ट्रिपल स्टेप की तैयारी ऐसी कमजोर थी, जिसकी वजह से माननीय न्यायालय को यह स्टेप उठाना पड़ा और आज स्थिति ऐसी है की 27% तो छोड़ो ही, पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण केवल मिलेगा, एक बड़ा धोखा मध्यप्रदेश के ओबीसी वर्ग के साथ में सरकार ने फिर से किया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माननीय कमलनाथ जी ने भी स्पष्ट कहा है कि हम 27% आरक्षण ओबीसी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जो हमारा आरक्षण होगा उसमें हम देंगे।

कांग्रेस पार्टी की नियत सदैव से ही साफ रही है और सदैव ही कांग्रेस पार्टी ने पिछड़ों की मदद करने की बात कही है।

श्री यादव ने कहा कि पिछले 18 सालों से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही, शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे इस दौरान और दो मुख्य्मंत्री ओबीसी के रहे, लेकिन पिछड़ों की केवल चुनाव में इनको याद आती है और चुनाव समाप्त होते ही फिर ओबीसी को यह भूल जाते हैं|

एक बार फिर 27% की बजाय 14% कर दिया बड़ा धोखा हमारे साथ हुआ है।

अब हम हमारे विधि सलाहकारों से इस पर चर्चा कर रहे हैं और इसमें अगला स्टेप क्या हो सकता है और इसमें हम क्या बेस्ट पॉसिबल हम कर सकते हैं इतना अधिक से अधिक हम मदद पिछड़ों की कर सकते हैं उसको लेकर बात हो रही है।

अगर सरकार को ओबीसी वर्ग की चिंता है तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला ले, अगर सरकार की नियत आपकी साफ है, पिछड़ों की मदद वास्तव में करना चाहते हैं, पिछड़ों के साथ में है, तो कांग्रेस पार्टी सहयोग करने को तैयार हैं।

हम तो कहते हैं विशेष सत्र बुलाए विधानसभा का 1 दिन का और पारित कराइए प्रस्ताव और भेजिए पार्लिमेंट को।

श्री यादव ने कहा कि मैं वही जानना चाहता हूं कैसे होगा? बताइए जब SC, ST का संविधान में फिक्स है 36% उनको मिलता है तो बचा कितना (14 परसेंट) 50% से ज्यादा आरक्षण दे नहीं सकते जो फैसला है माननीय न्यायालय का है तो फिर कैसे होगा यह, हमको बताएं कौनसा फार्मूला सरकार लाएगी?

जिससे हमें 27% आरक्षण मिल जाए और सर्वे कब कराया, आपने कैसे कराया, कौन सा आपके पास सिस्टम था, जब पिछला वर्ग आयोग बना हुआ है मध्यप्रदेश में जिसके अध्यक्ष जेपी धनोपिया है सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे ऑफिशियल नियुक्त किए गए थे, उनसे चर्चा नहीं हुई, कोई चर्चा नहीं, किसी कमेटी से बात नहीं, सरकार ने कब आंकड़े बना लिए 56% आबादी है और 48% का आपने आंकड़ा प्रस्तुत कर दिया।

श्री यादव ने कहा हम तो यह सरकार से जानना चाहते हैं कि अब यह कैसे लागू करेंगे 27% यह बताएं हम को?