Odisha Train Accident : सेफ्टी सिस्टम की पोल खुली, ‘कवच’ सिस्टम का क्या हुआ!

रेल मंत्री का पुराना वीडियो शेयर करके कांग्रेस ने सवाल दागा!

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Odisha Train Accident : सेफ्टी सिस्टम की पोल खुली, ‘कवच’ सिस्टम का क्या हुआ!

New Delhi : ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 2022 में रेल मंत्रालय ने एक सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का प्रयोग शुरू किया था। दावा किया गया था कि इस तकनीक से रेलवे जीरो एक्सीडेंट के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेगा। पर, रेलवे का यह दावा ओडिशा ट्रेन दुर्घटना से फेल साबित हो गया। सवाल यह भी है कि क्या दुर्घटनाग्रस्त ट्रेनों में कवच लगा था या नहीं। इस पर रेल मंत्रालय भी अभी कोई जवाब देने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास ने रेल मंत्री पर निशाना साधा।

शुक्रवार रात को हुई बालासोर ट्रेन दुर्घटना को लेकर देश में चर्चा है। करीब ढाई सौ से ज्यादा यात्रियों की मौत से पूरा देश स्तब्ध है। यह दुर्घटना कैसे हो गई, जबकि देश में साल 2022 में ‘कवच’ नाम की नई सुरक्षा तकनीक को लागू किया गया। सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ की खासियत है कि एक ट्रैक पर दो विपरीत दिशा से आने वाली ट्रेनें एक दूरी पर अपने आप रुक जाएंगी।

स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली कवच पर ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं। रेलवे और उसके मुखिया रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के दावे सवालों के घेरे में आ गए। इस ट्रेन दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा मांगा जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और NCP नेता अजित पवार ने अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है।

काश ‘कवच’ वास्तव में होता

कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक पुराना वीडियो शेयर किया। इसमें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसों को रोकने के लिए ‘कवच’ सुरक्षा के बारे में बता रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता बी श्रीनिवास ने ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद इस दावे पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि काश वाकई ऐसा कवच वास्तव में होता।

कवच’ की खासियत

(1) कवच की वजह से दो ट्रेनें टकराएंगी नहीं।
(2) डिजिटल सिस्टम को रेड सिग्नल या मैन्युअल गलती पर ट्रेनें खुद ब खुद रुक जाएंगी।
(3) टक्कर की आशंका शून्य फीसदी है।
(4) कवच दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली
(5) 50 लाख रुपए प्रति किमी खर्च, अन्य देश में दो करोड़ रुपए किमी लागत।
(6) आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर, खतरे का संकेत मिलने पर करती है काम।
(7) कवच प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग।
(8) कवच एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है, यह रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित।
(9) कवच है एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप।
(10) कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना।
(11) पहले चरण में 2,000 किमी रेल नेटवर्क पर होगा काम।
(12) सिकंदराबाद हुआ कवच का टेस्ट।

‘कवच’ एक टक्कर रोधी तकनीक

रेलवे ने कवच को साल 2020 में नेशनल ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तौर पर अपनाया था। कवच एक SIL-4 प्रमाणित टेक्नोलॉजी है। यह सेफ्टी का हाइएस्ट लेवल है। रेलवे का दावा है कि यह तकनीकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ी रहती है।

क्या है कवच सिस्टम?

रेलवे का दावा है कि अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने सामने हों तो कवच टेक्नोलॉजी ट्रेन की स्पीड कम कर इंजन में ब्रेक लगाती है। इससे दोनों ट्रेनें आपस में टकराने से बच जाएंगी।

‘कोरोमंडल’ में ‘कवच सिस्टम’ था या नहीं

सरकार ने वर्ष 2012 में इस सिस्टम को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की थी और इसका ट्रायल 2014 में शुरू हुआ था। सवाल यह है कि क्या कोरोमंडल एक्सप्रेस में यह सिस्टम फिट था या नहीं? अगर था तो कवच ने काम नहीं किया। अगर नहीं था तो इतनी अहम ट्रेन में अब तक इसे क्यों नहीं लगाया गया है। यह देश की एक बेहतरीन ट्रेन है। इस हादसे ने ट्रेनों की सेफ्टी पर सवाल पैदा कर दिए हैं।

पहली प्राथमिकता घायलों की मदद

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना है…यह हादसा मानवीय गलती से हुआ है या तकनीकी कारण से हुआ है इसके लिए हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है।

जासूसी वाले सॉफ्टवेयर पर करोड़ों खर्च

ओडिशा के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्रेन हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इस तरह के ट्रेन हादसों को रोकने के लिए टक्कर रोधी उपकरण लगाने के बजाए विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। यह सरासर लोगों के जान से खिलवाड़ है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ डींगे हांकती है। जिससे कुछ होने जाने को नहीं हैं।

रेल हादसों पर रेल मंत्री इस्तीफा दें

NCP नेता अजित पवार ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, रेल विभाग को इसकी जांच कर जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। रेलवे को यात्रियों की जान को अहमियत देनी चाहिए। पहले रेल मंत्री ऐसे रेल हादसों पर इस्तीफा दे देते थे, लेकिन अब कोई बोलने को तैयार नहीं।