मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की बैठकों को लेकर भी गंभीर नहीं अफसर-कर्मचारी, जानिए क्या है माजरा

764
MPGood News For State Employees News:

मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की बैठकों को लेकर भी गंभीर नहीं अफसर-कर्मचारी, जानिए क्या है माजरा

भोपाल
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की बैठकों को लेकर भी सरकारी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी गंभीर नहीं है। बैठकों का कार्यवाही विवरण नोट करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ड्यूटभ् आदेश जारी करने पर विभागों के अधिकारी कर्मचारी टेलीफोन अटेंड नहीं करते और आदेश की प्रति प्राप्त करने में भी आनाकानी करते है। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई है।
उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के फोन अटैण्ड नहीं करने और कॉल बैक नहीं करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की बैठकों के दौरान जिस विभाग से संबंधित बैठक होती है उस विभाग के स्टेनोटाईपिस्ट, शीघ्रलेखक और विभागीय अधिकारियों के निज सचिव तथा निज सहायकों की ड्यूटी लगाई जाती है ताकि उस बैठक का कार्यवाही विवरण वे नोट कर तैयार कर सके और उसमें दिए गए निर्देशों को नोट कर वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति से उन्हें जारी किया जाए और उन पर आगे जो कार्यवाही करना है वह की जा सके। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग विभागवार अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाता है लेकिन देखने में यह आ रहा है कि संबधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी टेलीफोन अटेंड नहीं करते है और इस संबंध में आने वाले आदेश की प्रति प्राप्त करने में आनाकानी की जाती है। इसके अतिरिक्त संबंधित शासकीय सेवक बिना पूर्व अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर चवले जाते है। यह मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के अनुरुप एवं संतोषजनक नहीं है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी संबंधित विभागीय अफसरों को निर्देश जारी कर कहा है कि भविष्य में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी द्वारा टेलीफोन किए जाने पर तत्काल कॉल अटेण्ड की जावे और कॉल अटेण्ड न होंने पर तत्काल कॉलबैक के साथ ही विभाग में संपर्क कर, ड्यूटी आदेश तत्काल प्राप्त किया जाए। मुख्यालय से बाहर जाने की स्थिति में नियमानुसार यथासमय पूर्व सामान्य प्रशासन विभाग में आवेदन प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करे। इन निर्देशों का उल्लंघन करने की स्थिति सामने आने पर दोषी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध सिविल सेवा आचरण नियम के प्रावधान अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।