पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने 6 राज्यों के अफसर कर रहे मंथन

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भोपाल: पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने और सबकी योजना सबका विकास की थीम पर पंचायतों के सशक्तिकरण को लेकर राजधानी में छह राज्यों के अफसर और पंचायत पदाधिकारी मंथन कर रहे हैं। दो दिन तक चलने वाले इस मंथन में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत विकास योजना का रोडमैप तैयार करने का काम किया जाएगा।

मध्यप्रदेश इसको लेकर हुई कार्यशाला की मेजबानी भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान हैदराबाद के सहयोग से कर रहा है। इसमें अलग-अलग 29 विषयों पर मंथन किया जाएगा।

राजधानी के प्रशासन अकादमी में इंडो -गंगेटिक प्लेन स्टेट में शामिल राज्यों बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पंचायत विभाग के जरिये इकोनामिक और सोशल ट्रांसफार्मेशन को लेकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला को पंचायत राज के केंद्रीय सचिव सुनील कुमार ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। सबकी योजना, सबका विकास की थीम पर आयोजित इस कार्यशाला में प्रजेंटेशन के जरिये भी अलग-अलग राज्यों मे ंचल रहे पंचायत विकास के कामों की जानकारी दी जा रही है।

कार्यशाला में भारत सरकार के पंचायत विभाग की संयुक्त सचिव रेखा यादव, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कैथिरेसान ने अपने विचार रखे। कार्यशाला के पहले दिन पंचायतों के विकास के लिए तैयार किए गए पीपुल्स प्लान कैंपेन के अंतर्गत एसडीजी और जीपीडीपी पर चर्चा के साथ इसको लेकर राज्यों से आए अफसरों ने अपने राज्य के अनुभव शेयर किए। इस दौरान विलेज डेवलपमेंट प्लानिंग प्रोसेस को लेकर प्रशिक्षण देने और प्रजेंटेशन के जरिये किए जाने वाले कामों पर जानकारी दी गई।

आलोक कुमार ने स्वागत भाषण में दी एमपी की जानकारी

पंचायत राज विभाग में संचालक आलोक कुमार सिंह ने इस कार्यशाला में स्वागत भाषण के दौरान प्रदेश में पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण को लेकर जानकारी दी। उन्होंने महिला स्वसहायता समूहों और अन्य समूहों के साथ ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिये प्रदेश में कराए जा रहे पंचायतों के सशक्तिकरण से कार्यशाला में पहुंचे अफसरों, पदाधिकारियों को अवगत कराया।

गांवों का पलायन रोकने पर चर्चा

कार्यशाला के पहले दिन गांव के विकास के लिए गांव में फंड जनरेट करने, गांवों से शहरों में पलायन रोकने के लिए ईजाद किए जाने वाले तरीकों, ग्राम सभा की बैठकों और ग्राम विकास के लिए अलग-अलग विभागों के बीच कोआर्डिनेशन पर भी डिस्कशन किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और आय के मुद्दों पर भी चर्चा इसमें की जा रही है।