अफसरों ने चुपचाप बदल दी ओवर ब्रिज की ड्राइंग डिजाइन, MLA के पत्र के बाद विभाग में मचा हड़कंप

एक बड़े भाजपा नेता की भूमिका की भी है जनचर्चा

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अफसरों ने चुपचाप बदल दी ओवर ब्रिज की ड्राइंग डिजाइन, MLA के पत्र के बाद विभाग में मचा हड़कंप

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खास रपट

इटारसी। इटारसी भोपाल रेल लाइन के सोनासावरी रेलवे गेट पर बन रहे ओवरब्रिज की ड्राइंग डिजाइन को लेकर बिज कॉर्पोरेशन के संभागीय स्तर के अफसरों से लेकर मुख्य अभियंता भोपाल तक को विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा द्वारा लिखे गए एक आपत्ति पत्र ने करोड़ों की जमीन से जुड़े एक चर्चित भाजपा नेता के परिजनों के आर्थिक लाभ के एक बड़े खेल को फिलहाल तो फेल कर दिया है, ऐसा लग रहा है।

नर्मदापुरम विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने अपने पत्र में सोनासावरी रेलवे ओवरब्रिज को पुरानी ड्राइंग डिजाइन के हिसाब से ही बनाने की मांग की है। ओवरब्रिज की ड्राइंग, डिजाइन में तथाकथित रूप से बिना कोई सार्वजनिक सूचना निकाले, भूमि अधिग्रहण की चिंता किए बिना, बड़े विभागीय अफसरों ने अपने व्यक्तिगत लाभ की मंशा या वरिष्ठ अधिकारियों या राजनीतिक दबाब से बहुत बड़ा परिवर्तन कर दिया था।

जनचर्चा है कि संभाग के एक बड़े नेता की इस पूरे मामले में प्रमुख भूमिका हो सकती है। सोनासांवरी रेलवे गेट के पास 40 करोड़ की लागत से 600 मीटर लंबे ब्रिज का डिजाइन अचानक बदल दिया गया। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने इसे अव्यवहारिक और असुविधाजनक सहित काफी खर्चीला बताते हुए पुराने डिजाइन के आधार पर ही ब्रिज के निर्माण के संबंध में एक पत्र ब्रिज कार्पोरेशन के कुछ अधिकारियों को लिखा है।

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डॉ. शर्मा ने मीडिया को बताया कि हमने विभाग को समस्याओं से अवगत कराया है। जिनका निराकरण होने तक कार्य प्रारंभ नहीं करने और पुराने नक्शे के अनुसार ही निर्माण कार्य करने का आग्रह किया है। डॉ. शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि आरओबी की पूर्व डिजाइन में चौड़ाई 12 मीटर और दोनों तरफ की सर्विस रोड 6-6 मीटर है। इस तरह उसकी चौड़ाई 24 मीटर होगी। इटारसी के मास्टर प्लान के अनुसार सांई की बगिया से फाटक तक 24 मीटर अर्थात 80 फीट चौड़ाई की रोड है। इसलिए पुराने नक्शे के आधार पर ब्रिज का निर्माण किये जाने से न तो भूमि अधिग्रहण करना होगी और न ही इसका मुआवजा देना होगा। परंतु नए नक्शे के अनुसार तो भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही करनी होगी जिसमें समय अधिक लगेगा और समय के साथ इसकी लागत भी बढ़ने की संभावना है।

अभी ब्रिज की ड्राइंग में जो परिवर्तन किया गया है उसमें दो टर्निंग है, एक रेल लाइन क्रास करके लेफ्ट तरफ तथा दूसरा ब्रिज उतरकर राइट में इटारसी तरफ से है। यह दोनों ही टर्निंग खतरनाक है। साफ्ट टर्न होने के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

वर्तमान में इटारसी तरफ जो सीमेंट रोड है, जहां ब्रिज उतरेगा। यह रोड सिर्फ चार मीटर चौड़ाई का है। रोड के बाजू से नाला लगा हुआ है। जो कि अधिक बारिश में कई बार ओवर फ्लो हो जाता है। जिससे एक नई समस्या पैदा होगी। इस तरह रोड भी नाले के ओवर फ्लो होने के कारण बार-बार पानी में डूबेगा। जिसके कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। फ्लोई ओवर में कार तेजी से उतरेगी और टर्निंग भी शार्प है, जिससे कार नाले में भी जा सकती है और दुर्घटना हो सकती है। पेट्रोल पंप के बाजू वाली रोड ट्रेफिक के कारण सक्रिय होने के कारण हमेशा जाम लगने की समस्या बनी रहेगी।

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उल्लेखनीय है कि पेट्रोल पंप के बाजू वाली रोड नाले से लगी हुई है। यहां जमीन का कटाव भी हो रहा है। कटाव को रोकने के लिए कर्टन वाल बनाना होगी जिससे उक्त कार्य की निर्माण लागत में भारी वृद्धि होगी। इटारसी से खेड़ा और मंडी जाने वाली जनता 4 बार टर्निंग के बाद रोड पर पहुंच सकेगी।

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ज्ञात रहे कि प्रदेश और केंद्र सरकार के संयुक्त अंश से ब्रिज बनाने में लगभग 40 करोड़ खर्च होने की संभावना है। इसमें 600 मीटर लंबा ब्रिज हाईवे पेट्रोल पंप से होते हुए, सोनासांवरी रेलवे गेट के ऊपर होते हुए उसका एक हिस्सा सोनासांवरी गांव की तरफ और दूसरा हिस्सा न्यास कालोनी वायपास रोड पर उतारने की योजना थी जिसे परिवर्तित करते हुए नई डिजाइन के अनुसार अब सोनासांवरी गेट के पास 25 मीटर दूरी से टर्न करते हुए बायपास पेट्रोल पंप के पीछे सोनासांवरी नाले के पास उतारा जायेगा।

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ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए विधायक डॉ. शर्मा को चुपचाप डिजाइन बदलने के षड्यंत्र से अवगत कराया था। डिजाइन में मनमाने ढंग से परिवर्तन करके उसे उक्त भाजपा नेता के परिजनों की बेशकीमती जमीन के पिछले हिस्से से उतारने का नवशा बना दिया गया ताकि जमीन के व्यवसायिक प्रयोजन पर कोई असर ना पड़े। यह मामला संज्ञान में आने के बाद अब विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने तत्काल अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

डा. शर्मा ने ब्रिज कॉर्पोरेशन को पत्र लिखकर पुरानी ड्राइंग पर ही ब्रिज बनाने के लिए कहा । विधायक ने सात बिंदुओं पर आधारित पत्र सेतु विभाग के कार्यपालन यंत्री अधीक्षण यंत्री और मुख्य अभियंता भोपाल को भेजा। ज्ञात रहे कि न्यास कॉलोनी बायपास मार्ग पर उक्त भाजपा नेता की जमीन है। पुरानी ड्राइंग डिजाइन में ओवरब्रिज का एक रास्ता उक्त भाजपा नेता के परिजन की जमीन के ठीक सामने उतर रहा था। इस वजह से जमीन के व्यवसायिक प्रयोजन पर काफी असर पड़ रहा था।

रेलवे बना रही 72 मीटर बोस्ट रिंग गर्डर ब्रिज

प्रथम चरण में रेलवे यहां 72 मीटर बोस्ट रिंग गर्डर ब्रिज का निर्माण करा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार की भागीदारी में तीनों साइड 300-300 मीटर लंबे रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगी। रेलवे गेट पर रेलवे ट्रैक से करीब 9 मीटर ऊंचाई पर ओवरब्रिज का निर्माण होगा। बिज की कुल लंबाई करीब 600 मीटर होगी।

सूत्रों के अनुसार विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों ने विधायक के समक्ष मौखिक रूप से यह कहा कि इस सब में उनकी डायरेक्ट कोई भूमिका कभी नहीं रही। सूत्रों के अनुसार उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने हमें जैसा आदेश दिया उसी के अनुसार हमनें ड्राइंग डिजाइन बदलकर, बनाकर अग्रेषित कर दी थी। स्पष्ट है कि उन्होंने विधायक को यह संकेत दिया कि यह सब वरिष्ठ अधिकारियों के दवाब में किया गया और अब इसकी गाज अपने ऊपर गिराने की वरिष्ठों की मंशा से भी वे आशंकित नजर आए तथा विधायक को सफाई देने आए।

सूत्रों के अनुसार विधायक द्वारा जनहित में व सरकार के लाखों रुपए की बेफजूल बर्बादी रोकने के लिए, पुनः पुरानी डिजाइन, ड्राइंग फाइनल करने के निर्देश पर अधिकारी बोले कि सर हमें कोई एतराज़ नहीं पर यह कर पाना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। तब विधायक ने वरिष्ठ अधिकारियों से जल्द ही इस संबंध में चर्चा करने की बात कही।

निर्माणाधीन ब्रिज की ड्राइंग डिजाइन में बड़े संशोधन किये गये जो अत्यंत अव्यवहारिक, असुविधाजनक हैं। हमने विभाग को समस्याओं से अवगत कराया है। समाधान होने तक कार्य प्रारंभ नहीं करने और पुराने नक्शे के अनुसार ही निर्माण करने के लिए पत्र लिखा है।
डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक, नर्मदापुरम