Officers Were Also Trapped With Land Mafia : जमीन की जादूगरी में भूमाफिया के साथ कई अफसर भी फंसे 

नगर तथा ग्राम निवेश तथा नगर निगम के अधिकारी भी गड़बड़ी में शामिल

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Officers Were Also Trapped With Land Mafia : जमीन की जादूगरी में भूमाफिया के साथ कई अफसर भी फंसे 

Indore : राजनीतिक संरक्षण प्राप्त जमीन के जादूगरों ने नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए एक बार फिर शासन और प्रशासन को अंधेरे में रखने की कोशिश की। इसमें भूमाफिया के साथ नगर तथा ग्राम निवेश (TMCP) तथा नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारी भी शामिल हैं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offenses Wing) ने जांच के बाद सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया। निखिल कोठारी, धर्मपाल टेकचंदानी, पायोनियर के राजेंद्र कुमार, होल्डिंग के प्रदीप श्रीमाल के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में अपराध दर्ज किया गया।

सूर्य शक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष धरमपाल टेकचंदानी, अटलांटा के निखिल कोठारी, पायोनियर रियल स्टेट के संचालक राजेंद्र कुमार, मेसर्स होल्डिंग के संचालक प्रदीप श्रीमाल ने खजराना क्षेत्र में निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन की नगर तथा ग्राम निवेश और नगर निगम के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर अवैध कूटरचित दस्तावेज (Illegal forged documents in collusion) के माध्यम से भवन अनुज्ञा प्राप्त कर अवैध बहुमंजिला निर्माण स्थल के अनुमोदन में कांट-छांट कर भवन की ऊंचाई निर्धारित मानदंडों के विपरीत व विकास नियमों का उल्लंघन किया जाने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7-सी और 13/1, 13/2 में अपराध दर्ज किया है।

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   जानकारी के मुताबिक, पायोनियर रियल स्टेट के राजेंद्र कुमार पिता गिरधारी सिंह चौहान निवासी कंचन बाग इंदौर एवं होल्डिंग्स के ऑनर अनिल पिता तुकाराम पंवार निवासी मोती तबेला ने सूर्य शक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष धरमपाल टेकचंदानी निवासी राजमहल कॉलोनी इंदौर को खजराना तहसील इंदौर की सर्वे खसरा नम्बर 1276 रकबा 18830 वर्ग मीटर भूमि विकय की गई। उक्त भूमि पर बहुमंजिला भवन निर्माण कार्य के लिए धरमपाल टेकचंदानी ने अटलांटा कंस्ट्रक्शन कंपनी के निखिल कोठारी से अनुबंध किया।

मेसर्स होल्डिंग्स के संचालक प्रदीप श्रीमाल ने उक्त सर्वे की भूमि पर आवासीय प्रयोजन के लिए स्थल अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। जिस पर संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा उक्त भूमि पर आवासीय प्रयोजन के लिए स्थल अनुमोदन प्रदान किया गया। जिसमें इस भूखंड के समान 9 मीटर रोड ही दर्शाया गया था। परन्तु योजना क्रमांक 94 सेक्टर ई (आरई 1) के स्वीकृत नक्शे में 9 मीटर मार्ग की चौड़ाई प्रस्तावित है। जबकि, वर्तमान में नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 94 के 9 मीटर चौड़े समन्वय मार्ग से होकर मल्टी के सामने उत्तर दिशा में सिर्फ 7 मीटर चौड़ा रोड पाया गया।

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इस सांठगांठ में तत्कालीन संयुक्त संचालक विजय सावलकर भोपाल, तत्कालीन सहायक संचालक नीरज आनन्द लिखार, सहायक मानचित्रकार एस तिमाण्डे तथा तत्कालीन भवन निरीक्षक नगर निगम इंदौर द्वारा जानबूझकर मिथ्या व गलत जानकारी प्रस्तुत की गई। प्रस्तुत जानकारी के आधार पर तत्कालीन भवन अधिकारी राकेश शर्मा द्वारा भी स्वीकृति दी गई। इस पूरे मामले पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इंदौर के निर्देशन में उप निरीक्षक राजेश गोयल द्वारा जांच कर उक्त लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।