गोई नदी पर बना पुराना पुल ब्लास्टिंग से ध्वस्त, 46 साल पुराना पुल जमींदोज

902

गोई नदी पर बना पुराना पुल ब्लास्टिंग से ध्वस्त, 46 साल पुराना पुल जमींदोज

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी जिले का पाटी पुल हुआ ज़मीदोज़ , 46 साल पुराना पुल ब्लास्टिंग कर तोड़ा गया , जर्जर होने के चलते लिया गया फैसला , उसी जगह पर होगा नए पुल का निर्माण , बड़वानी से पाटी – बोकराटा – खेतिया होते हुए महाराष्ट्रा को जोड़ेगा यह पुल , गोई नदी पर इस पुल से 104 के लगभग गांव से जुड़ा था आवागमन , 1975 में 31 लाख की लागत से बना था यह पुल , ब्लास्टिंग कर पुल को किया गया ज़मीदोज़ , बड़वानी जिले के पाटी में गोई नदी पर बना था पुल , जल्द ही नए पुल का निर्माण कार्य भी होगा प्रारंभ ।

 

बड़वानी- पाटी नगर की गोई नदी पर नवीन उच्च स्तरीय पुल का निर्माण का निर्माण होना है। इसके लिए गुजरात की निर्माण एजेंसी ने पुराने पुल को तोड़ने का कार्य शुरू किया था। पिछले दिनों पुल के दोनो छोरो को तोड़ने के दौरान बड़वानी रोड तरफ एक स्लेपिंग बीम अचानक गिर गया था। वही बीच के चार स्लेपिंग बीम बचे थे। स्लेपिंग बीम को तोड़ने के लिए गुजरात की पुल निर्माण एजेंसी अन्य ठेकेदार को दिया था। ठेकेदार द्वारा सोमवार शाम करीब 6 बजे स्लेपिंग बीम में साइलेंट रूप में ब्लास्टिंग कर पुल को ध्वस्त कर दिया गया। जो कि वही पर जमीदोंज हो गया। वीडियो में आप देख सकते हो किस तरह से पुल जमीदोज हुआ। साथ ही ब्लास्टिंग इस तरीके से की गई कि 100 मीटर के दायरे के बाहर नहीं जाए,साथ ही ऊपर की तरफ ब्लास्टिंग नही हुई। जिससे कोई दिक्कत नहीं हुई। ब्लास्टिंग से पहले आसपास के लोगो को ब्लास्टिंग की सूचना देकर दूर रहने के लिए सतर्क किया गया। साथ ही मवेशियों को भी दूर रखने के लिए सूचित किया गया। जिससे किसी तरह से रहवासियों को कोई परेशानी नही हुई। निर्माण एजेंसी से प्राप्त जानकारी अनुसार पुल के दो स्लेपिंग बीम में पिछले दिनों से ब्लास्टिंग के लिए होल किये गए। इसके बाद सोमवार देर शाम साइलेंटनी रूप से ब्लास्टिंग किया गया। इससे पहले एजेंसी द्वारा सुरक्षा के इंतजाम भी किया गया।

 

 

*वैकल्पिक मार्ग कच्चा व संकरा होने से होती है दिक्कत*

 

*लोगो ने कहा वैकल्पिक मार्ग की चौड़ाई बढाकर मार्ग को करे पक्का*

 

पाटी नगर की गोई नदी पर बने पूल को तोड़कर नवीन उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य किया जाना है। पुराने पुल को तोड़ने का काम पूरा हो गया है। वही पुराने पुल के दोनो छोरो को तोड़ा। साथ ही पुल के एक हिस्से के छोर को तोड़ने के दौरान स्लेपिंग बीम का पहिया अचानक गिर गया।

वही पुल टूटने से आवागमन बाधित न हो इसलिए पुल के समीप ही वैकल्पिक पुलिया व मार्ग बनाया गया है। वैकल्पिक मार्ग कच्चा होने से दो पहिया वाहन गिरकर चोटिल हो रहे हैं। साथ ही मार्ग में रोलर से दबाई नही होने से वाहन फिसल रहे हैं वही धूल भी खूब उड़ रहा है। जिसके चलते वाहन चालकों व राहगीरों को परेशानी हो रही हैं। वैकल्पिक पुलिया के समीप सीधा चढ़ाव होने से वाहन रिवर्स हो रहे हैं। जिसके चलते दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है। वही मार्ग संकरा होने से जाम भी लग रहा है। वैकल्पिक मार्ग की चौड़ाई नही होने से एक साथ दो वाहनों को निकलने में भी परेशानी हो रही हैं।

वैकल्पिक मार्ग उत्कृष्ट विद्यालय के समीप छात्रावास के पीछे से बना हुआ है जो कि कच्चा है और मार्ग पर मिट्टी व छोटे छोटे पत्थर होने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही हैं। वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। करीबन 1 किमी की दूरी वाले इस मार्ग में कुम्हार मोहल्ले व बुदि में खेड़ापति हनुमान मंदिर के आगे मार्ग संकरा होने से दो वाहन एक साथ नही निकल रहे हैं जिसके कारण जाम लग रहा है।

एमपीआरडीसी विभाग द्वारा पुल तोड़ने से पहले पुल निर्माण की एजेंसी से वैकल्पिक मार्ग सुव्यवस्थित ढंग से बनाया जाना था लेकिन मार्ग में कई तरह की कमियां है जिसके कारण वाहन चालकों को समस्या आ रही है।

नगरवासी श्रीकांत त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा पुल के निर्माण की घोषणा की थी,जिसका कार्य प्रारम्भ हो गया हैं। लेकिन जो बड़वानी तरफ जाने के लिए जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है वह कच्चा बनाया है,साथ ही संकरा भी बना हुआ है, जिससे पहिया वाहन चालक हादसे के शिकार हो रहे हैं। ओर वैकल्पिक मार्ग में बार-बार जाम लग रहा है।

वही गगन कुमार राठौड़ ने बताया कि ये पगडंडी पैदल चलने वालों के लिए भी नहीं है। क्योंकि दे देखा जाए तो चार पहिया वाहन जब निकलते हैं तो दो पहिया वाहन को रुकना पड़ता है, यह पगडंडी मार्ग हैं पुराना 5 से 6 फिट का मार्ग था जो सीमेंट वाला जो करीब 200 सो मीटर का था। उसको ही वैकल्पिक मार्ग बना दिया। दो पहिया वाहन चालकों को तीन से चार जगह रुकना पड़ता है। अभी तक तो कोई दुर्घटना नहीं हुई हैं लेकिन होने की संभावना दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। लम्बे समय तक पुल निर्माण चलेगा इस लिए वैकल्पिक मार्ग अच्छा होना चाहिए। क्योंकि यहां पर एंबुलेंस व बच्चे स्कूल जाते हैं और प्रतिदिन जो सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। उसके हिसाब से देखा जाए तो प्रशासन को देखना चाहिए कि यह मार्ग जिला मुख्यालय से जुड़ रहा हैं यहां एक मार्ग हैं जो 45 से 50 गांव के ग्रामीण यहां से गुजरेगे। यहां पर केवल मिट्टी का ढेर बिछाया गया है जो चलने लायक नहीं हैं इससे अच्छा करवाना चाहिए।