old pension scheme;राजस्थान के बाद इस राज्य में हो सकती है लागू

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old pension scheme;राजस्थान के बाद इस राज्य में हो सकती है लागू

अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था. नई पेंशन योजना लागू की गई थी. केंद्र सरकार के बाद नई पेंशन योजना लागू करने में राज्य भी पीछे नहीं रहे. हालांकि, ये अनिवार्य नहीं था.

राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्क्रीम लागू किए जाने के बाद अन्य राज्यों में भी हलचल नजर आ रही है। विभिन्न राज्यों के कर्मचारी वहां की सरकार से इसे लागू किए जाने की मांग करने लगे हैं।

अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही इस बाबत ऐलान हो सकता है। गौरतलब है कि 23 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करने के दौरान पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की बात कही। एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त करीब 3 लाख कर्मचारी इसके लाभ के दायरे में आएंगे।

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हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल और प्रियंका से दिल्ली में मीटिंग की थी। इस दौरान पुरानी पेंशन योजना पर चर्चा हुई थी। इस मीटिंग के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही पुरानी पेंशन योजना के लागू होने की घोषणा हो सकती है। इस मीटिंग के बाद गहलोत ने कहा था कि काफी सोच-विचार के बाद राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। उन्होंने कहाकि अन्य राज्यों को भी कर्मचारियों को राहत देने के मकसद से इसे अपनाना चाहिए।

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गहलोत ने कहाकि रिटायरमेंट के बाद अगर सरकारी कर्मचारी खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस नहीं करता है तो वह दिल से अपने काम में योगदान नहीं कर पाएगा। यही वजह है कि शुरुआती दिनों में पेंशन लागू की गई थी।

सभी सरकारों को लागू करना चाहिए
गहलोत ने कहाकि ह्यूमन राइट्स कमीशन भी पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme )पर फिर से विचार के लिए कह रहा है। इसके अलावा विभिन्न वर्गों से इस संबंध में मांग की जा रही है। वहीं असम, केरल, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए रिव्यू कमेटी बनाई गई है। गहलोत ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि अन्य राज्य भी सरकारी कर्मचारियों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। उन्होंने कहाकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी तय करेगी कि पुरानी पेंशन योजना देशभर में मुद्दा बने। चाहे कोई राज्य हो, चाहे किसी की भी सरकार हो, उसे इस तरह की योजनाओं को लागू करना ही चाहिए।

इससे न सिर्फ राज्य सरकारों बल्कि केंद्र के ऊपर भी दबाव पड़ेगा। देश के कोने-कोने में इसे लेकर मांग उठ रही थी। अब जबकि एक कांग्रेस सरकार ने इसे लागू कर दिया है, भाजपा शासित राज्यों की सरकारें इसको लेकर दबाव में हैं। गोढ़ा ने कहाकि हालांकि ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने से वर्तमान सरकारों पर कोई आर्थिक दबाव नहीं पड़ेगा। चूंकि इसके लाभार्थी वह सभी कर्मचारी हैं जो 1 जनवरी 2004 से नौकरी कर रहे हैं।

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यह सभी 2030 के बाद रिटायर होंगे। ऐसे में भविष्य में सरकारों को इसका आर्थिक दबाव उठाना पड़ेगा। लेकिन गहलोत के इस कदम ने पार्टी को देशभर के कर्मचारी वोट बैंक को लुभाने का मौका दे दिया है।

पुरानी पेंशन योजना को लेकर काफी चर्चा है. कई लाख कर्मचारी आस लगाए बैठे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश चुनाव से पुरानी पेंशन को फिर से जोर मिला है. वहीं, केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका इंतजार है. उम्मीद है कि सरकार कुछ केंद्रीय कर्मचारियों को New Pension Scheme (NPS) से Old Pension Scheme (OPS) में ला सकती है. इनमें वो कर्मचारी शामिल होंगे, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद इसकी सुगबुगाहट शुरू हुई है.

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OPS और NPS में तुलनात्मक अंतर ———

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) न्यू पेंशन स्कीम (NPS)
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती. NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है.
पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है. NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है.
पुरानी पेंशन (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है. नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है.
पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है. NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है. NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है. NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है.
OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है. NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है.
OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है. NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है. NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है.
OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है. NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.