वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में जमा पैसा इसमें योगदान करने वाले व्यक्तियों का है. कानून के तहत राज्य सरकारें इसे नहीं ले सकतीं.
सीतारमण ने मीडिया से बात करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र से पैसा लौटाने के लिये कह रही हैं, कानून के तहत ऐसा नहीं हो सकता.
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था शुरू करने के लिये केंद्र से एनपीएस के तहत जमा लोगों का पैसा लौटाने को कहा है. दोनों कांग्रेस शासित राज्यों ने सरकारी कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) फिर से लागू करने को अधिसूचित किया गया है. उनका कहना है कि केंद्र कर्मचारियों का पैसा नहीं रख सकता है. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भी यह व्यवस्था फिर से शुरू करने का वादा किया है और यह राज्य विधानसभा चुनाव में प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है.
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने हैं चुनाव
राज्य में 1.75 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. हिमाचल प्रदेश में चुनाव 12 नवंबर को होने हैं. सीतारमण ने शिमला में संवाददाताओं से कहा, ‘कानून के तहत, एनपीएस के तहत केंद्रीय मद में जमा पैसा राज्यों को नहीं जा सकता. यह केवल उन कर्मचारियों के पास जाएगा, जो इसका योगदान कर रहे हैं. क्या हम कानून बदल सकते हैं? यह केंद्र के पास जमा कर्मचारियों का पैसा है. यह पैसा केवल लाभार्थी कर्मचारियों के पास जाएगा न कि किसी एक प्राधिकरण या इकाई के पास.’
कर्मचारियों का पैसा नहीं लौटा रहा केंद्र: भूपेश बघेल
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां राजनीति की बात नहीं कर रही हूं. मैं केवल कानून की बात कर रही हूं.’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र ने एनपीएस के अंतर्गत पंजीकृत राज्य सरकार के कर्मचारियों का 17,000 करोड़ रुपये लौटाने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र लंबे समय तक पैसा नहीं रख सकता और राज्य सरकार ने इस बारे में कानूनी राय मांगी है और अदालत जा सकती हैं.