भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिण्ड जिले से बोर्ड परीक्षा में नकल कराने की हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां पर एक परीक्षा केंद्र के अंदर जहां परीक्षा ड्यूटी में लगे शिक्षक ही नकल करा रहे थे, तो वहीं बाहरी लोग भी परीक्षा केंद्र के अंदर घुसकर नकल कराते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए। मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 4 शिक्षकों पर परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया है। जबकि केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष एवं प्रेक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल अटेर क्षेत्र के जलपुरा स्थित एमपी D.Ed कॉलेज में दो सरकारी एवं तीन निजी स्कूलों का परीक्षा सेंटर बनाया गया था। 5 फरवरी को आयोजित किए गए दसवीं के अंग्रेजी विषय के पेपर के दौरान यहां पर ड्यूटी पर लगे शिक्षकों द्वारा ही जमकर नकल कराई गई। यही नहीं कुछ बाहरी लोग भी परीक्षा कक्षों के अंदर चहल कदमी करते हुए सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गए। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद जब कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने यह सीसीटीवी फुटेज देखे तो उन्होंने तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। कलेक्टर के निर्देश पर केंद्राध्यक्ष प्रमोद कुमार ओझा के आवेदन पर कार्यवाही करते हुए चार शिक्षकों विकास कटारे,कुलदीप सिंह भदौरिया, निखिल कुमार मिश्रा एवं पवन राठौर के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420 के साथ ही, मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 3D/4 के तहत अटेर थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस बार बोर्ड परीक्षाओं में मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया गया था। जिसके बाद मीडिया द्वारा नकल रहित परीक्षाओं पर आशंका जताते हुए इस प्रकार के कृत्य की पहले ही आशंका जताई थी। क्योंकि यहां पर नकल के लिए सक्रिय लोग हर हथकंडा अपनाने की कोशिश करते हैं। इस बार नकल माफिया मीडिया के कैमरों से तो बचे रहे लेकिन तीसरी आंख पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। शायद उन्हें लग रहा होगा कि कोई इन फुटेज को चेक ही नहीं करेगा। और शायद उनका अंदाज भी सही था। जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में एक साथ इतने परीक्षा केंद्रों के फुटेज पर निगाह रखना भी संभव नहीं होगा। वो तो भला हो स्कूल संचालक का जिनकी सजगता से नकल का यह माजरा सामने आ सका। और कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने भी मामले में कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है। ताकि आगे कोई भी शिक्षक इस प्रकार का कृत्य करने से पहले सौ बार सोचें।