New Delhi : कोरोना वायरस के फैलाव को समझने वाले जानकारों का दावा है कि देश में महामारी की तीसरी लहर (Third Wave of Pandemic) आना लगभग तय है। इस वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का असर इसी महीने के अंतिम सप्ताह तक दिखाई देने लगेगा। जनवरी के आखिरी या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रॉन का संक्रमण (Omicron’s Infection) तेज हो सकता है। कोरोना की तीसरी लहर से बचने का सबसे अच्छा माध्यम सावधानी और वैक्सीन है। जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज या अभी पहली ही डोज नहीं लगवाई है, वे तुरंत वैक्सीन लगवा लें। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
IIT वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल (Padmashree Pr. Manindra Agarwal) ने अपने नए अध्ययन में दावा किया कि तीसरी लहर, दूसरी लहर जितनी घातक शायद न हो! दक्षिण अफ्रीकी देश बोत्सवाना में ओमिक्रॉन वायरस पाया गया है, जिससे पूरी दुनिया में सनसनी है। उन्होंने अपने गणितीय मॉडल सूत्र (Mathematical Model Formula) से पहली और दूसरी लहर की भी स्टडी की थी। उनकी रिपोर्ट का आकलन काफी हद तक सही भी साबित हुआ था।
प्रो अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र (Mathematical Model Formula) के आधार पर यह निष्कर्ष निकाले हैं। उन्होंने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर ही दूसरी लहर के बाद नए वेरिएंट आने से तीसरी लहर की आशंका (Fear of Third Wave) जताई थी। पहली और दूसरी लहर में अपने गणितीय मॉडल सूत्र के माध्यम से आकलन करने वाले प्रो अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका से आए ओमिक्रॉन वेरिएंट पर प्रारंभिक स्टडी (Preliminary Study on Omicron Variants) जारी की है। अभी तक जितनी भी केस स्टडी सामने आई, उनमें संक्रमण तेजी से फैलने लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं होने का निष्कर्ष निकाला गया है।
IIT विशेषज्ञ ने कहा कि सितंबर माह में ही तीसरी लहर को लेकर जो आकलन किया था, वह सच साबित होता लग रहा है। अब भारत में भी ओमिक्रॉन के मामले मिलना शुरू हो गए। उन्होंने बताया कि जब तीसरी लहर पीक पर होगी, तब रोजाना एक से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के मिलने की आशंका है।
बच्चों पर असर कम
उनके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर असर कम होगा। लक्षण भी कम नजर आएंगे और वे जल्दी ठीक भी हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज जल्दी रिकवर होंगे। उन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होंगे, लेकिन दूसरी लहर की तरह अधिक परेशान नहीं होंगे। यह वेरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाईपास नहीं कर पाएगा। नेचुरल इम्युनिटी का मतलब जो लोग एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें अधिक घबराने की जरूरत नहीं। वे संक्रमण से नहीं बच पाएंगे, लेकिन अधिक दिक्कत जैसी स्थिति नहीं होगी।