STF की डिमांड पर अरब कंट्री में छुपे आरोपी को ब्लू नोटिस,पहली बार MP की जांच एजेंसी के पत्र पर इंटरपोल ने जारी किया ऐसा नोटिस!

मामले में इंदौर के ईशान सलूजा ने FIR दर्ज कराई थी, जानिए क्या होता है ब्लू नोटिस?

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STF की डिमांड पर अरब कंट्री में छुपे आरोपी को ब्लू नोटिस,पहली बार MP की जांच एजेंसी के पत्र पर इंटरपोल ने जारी किया ऐसा नोटिस!

 

भोपाल:मध्यप्रदेश एसटीएफ की पहल पर इंटरपोल ने 3200 करोड़ रुपए के निवेश घोटाले के मास्टरमाइंड लविश चौधरी उर्फ नवाब के खिलाफ ब्लू नोटिस जारी किया है। यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश की किसी जांच एजेंसी के डिमांड पर इंटरपोल ने ब्लू नोटिस जारी किया है।

लविश ने निवेश के नाम पर हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ठगे और फिलहाल भारत से भागकर विदेश में छुपा हुआ है। हाल ही में उसकी लोकेशन दुबई में ट्रेस की गई थी। इसके अलावा वह दक्षिण अफ्रीका और अन्य अरब देशों में भी छुपकर रह चुका है।

ब्लू नोटिस जारी होने के बाद अब उम्मीद है कि उसे विदेश से पकड़कर भारत लाया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि लविश अब भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निवेशकों से बात करता है और उन्हें झूठा भरोसा दिलाता है कि वह उनका पैसा लौटाएगा। इतना ही नहीं, उसने नए-नए नामों से वेबसाइट्स बनाकर लोगों को फिर से धोखा देना शुरू कर दिया है। साथ ही फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए भी वह धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है। इस बड़े घोटाले में कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश एसटीएफ अब तक गिरोह के खातों से 250 करोड़ रुपए जब्त कर चुकी है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी लविश की करीब 400 करोड़ रुपए की संपत्ति और नकदी फ्रीज की है।

 *क्या होता है ब्लू नोटिस?* 

इंटरपोल का ब्लू नोटिस किसी अपराधी की पहचान, लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए जारी किया जाता है। यह गिरफ्तारी के लिए नहीं बल्कि सूचना साझा करने और संदिग्ध के नेटवर्क तक पहुंचने का जरिया है। इसके जरिए आरोपी के ठिकाने और उसके संपर्कों के बारे में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को इनपुट मिलता है। बाद में जब उस पर औपचारिक आरोप तय होते हैं, तो गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। इस घोटाले ने देशभर के निवेशकों को बड़ा झटका दिया है और अब उम्मीद की जा रही है कि इंटरपोल की मदद से लविश को जल्द ही भारत लाया जाएगा।

 *इंदौर के ईशान सलूजा ने एफआईआर दर्ज कराई थी* 

इस मामले में इंदौर निवासी ईशान सलूजा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। सलूजा ने बताया था कि उससे यार्कर एफएक्स और यार्कर कैपिटल में निवेश करने पर छह से आठ प्रतिशत प्रतिमाह का लाभ देने के नाम पर 20 लाख 18 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई। एसटीएफ ने इस मामले में अब तक नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।