पूर्व राष्ट्रपति कलाम के फार्मूले पर  ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में मिलेगी शहर की तर्ज पर सुविधाएं

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भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर सुविधाएं और संसाधन देने की कवायद शुरु करने जा रही है। इसके लिए पूर्व राष्टÑपति एपीजी कलाम के पीयूआरए फार्मूले का उपयोग किया जाएगा।

शाला स्तर पर स्थानीय संसाधनों एवं सोशल कार्पोरेट रेस्पांसब्लिटी फंड के माध्यम से स्कूलों में बेहतर संसाधनों का विकास किया जाएगा।  जिन विद्यालयों में अच्छी लाइब्रेरी और खेल मैदान है उन विद्यालयों के निकट की लाइब्रेरी, खेल मैदान विहीन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं को आपस में खेल एवं पुस्तकों का लाभ मिल सके इस हेतु कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए प्रतिमाह शालाओं मे की जाने वाली एसएमडीसी की बैठकों में पालकों से चर्चा कर उनका उन्मुखीकरण किया जाएगा।

दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित संसाधनप विहीन शासकीय विद्यालयों का चिन्हांकन कर उनकी बड़े स्तर पर चलने वाली अशासकीय शालाओं से मेपिंग की जाएगी। यह अशासकीय शालाएं ऐसी दूरस्थ स्थित शासकीय शालाओं को विकसित करने की दृष्टि से अपनी सामाजिक जिम्मेदारी मानते हुए गोद ले सकेंगी। अशासकीय शालाओं और विद्यालयों के बीच कला एवं खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

सरकारी और निजी स्कूल के शिक्षक एक-दूसरे के स्कूलों का भ्रमण करेंगे-
इसके अलावा शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों का परस्पर एक-दूसरे की शालाओं में शैक्षणिक भ्रमण भी कराया जाएगा ताकि ग्रामीण अंचलों में भी शहरों की तरह शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध हो सके।

जहां एटीएम लेब्स वहां हेकेथॉन का आयोजन-
उच्चतर माध्यमिक स्तर की शालाओं विशेष कर जहां एटीएम लेब्स है वहां हेकेथान का आयोजन किया जाएगा जिससे कि विभन्न विभागों तथा आम नागरिकों द्वारा दिन-प्रतिदिन के जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान निकालने क लिए विद्यार्थियों को अवसर दिय जा सकते है तथा इस प्रकार के समाधान को वृहद रुप देकर राज्य में अपनाया जाएगा।
नवाचारों को शेयर करेंगे- शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यो के संदर्भ में लघु स्तर पर भी नवाचार, छोटे-छोटे सुधार तथा लघु परियोजनााओं को लिये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसे सफल प्रयोगों को दूसरे स्थानों पर दोहराया जा सकेगा।