हाईकोर्ट के फरमान पर किसानों को मुआवजा देने अब इंजीनियरों को सरकार ने दिये 1.5 करोड़

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हाईकोर्ट के फरमान पर किसानों को मुआवजा देने अब इंजीनियरों को सरकार ने दिये 1.5 करोड़

भोपाल : मध्यप्रदेश में जलसंसाधन विभाग जलाशय, तालाबों, बांधों के निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करता है लेकिन उन्हें समय पर मुआवजा नहीं मिल पाता। ऐसे मामलों में किसान न्यायालय की शरण लेते है और सरकार की किरकिरी होती है। इससे बचने अब जल संसाधन विभाग ने न्यायालयीन प्रकरणों में राशि का भुगतान करने और न्यायालय में राशि जमा करने 28 कार्यपालन यंत्रियों के खातों में एक करोड़ 61 लाख 24 हजार 138 रुपए डाले है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन की स्वीकृति के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन प्रकरणों में राशि का भुगतान करने और न्यायालय में राशि जमा करने के लिए कार्यपालन यंत्रियों की मांग पर यह आवंटन किया गया है। यह राशि पोलायखुर्द बड़ाखाम तालाब, बिरहई जलाशय, लोहर संग्रामपुर, रैतम बैराज, अजयपुर तालाब, घोघरा मध्यम परियोजना के लिए सीहोर, भैरुदा, मंदसौर,सबलगढ़, रायसेन, भोपाल और शाजापुर संभाग के कार्यपालन यंत्रियों के खातों में वर्ष्ज्ञ 2011 से लेकर 2024 के बीच न्यायालयीन प्रकरणों में राशि के भुगतान करने के लिए दिए गए है। राशि के वितरण के बाद न्यायालय में इस संबंध में लगे प्रकरणों में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों और ओएसडी बनाए गए अधिकारियों को राहत मिलेगी। भुगतान समय पर होंने से न्यायालय की अवमानना से अधिकारी बच सकेंगे और किसानों को उनकी जमीनों का मुआवजा, क्षतिपूर्ति समय पर दिया जाना संभव हो सकेगा। इससे किसानों को भी समय पर राशि मिलने से वे इस राशि का सदुपयोग कर सकेेंगे। उन्हें न्यायालय, तहसीलों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।