Government is Target of Uddhav & Raj : हिंदी के बहाने उद्धव और राज ने सरकार पर निशाना लगाया, कहा कि बाला साहेब का काम फडणवीस ने पूरा किया!

357

Government is Target of Uddhav & Raj : हिंदी के बहाने उद्धव और राज ने सरकार पर निशाना लगाया, कहा कि बाला साहेब का काम फडणवीस ने पूरा किया!

हिंदी अच्छी भाषा, सारी भाषाएं अच्छी, लेकिन, हिंदी भाषा को थोपा जाना बर्दाश्त नहीं!

Mumbai : हिंदी को स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किए जाने के सरकारी फैसले के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई। बाद में राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया, पर इस बहाने उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे में नजदीकियां बढ़ गई। बरसों से दोनों एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं। पर, इस बहाने दोनों ने हिंदी को मुद्दा बनाकर मंच साझा किया और फडणवीस सरकार पर निशाना साधा।

मुंबई में आज राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने साझा रैली की। इस दौरान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे ने कहा कि जो बाल ठाकरे नहीं कर सके, वह आज देवेंद्र फडणवीस ने कर दिया। उन्होंने हम दोनों भाइयों को साथ खड़ा कर दिया। उद्धव ठाकरे ने भी राज ठाकरे के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा कि हम क्या कहते हैं, इससे ज्यादा जरूरी है यह है कि हम साथ हैं। हम साथ आए हैं और साथ ही रहेंगे। हमें इस्तेमाल करके फेंकने वालों को अब हम फेंकेंगे।

ठाकरे बंधुओं ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा

इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपने हमें बहुत इस्तेमाल कर लिया। अगर आपके पास बालासाहेब ठाकरे का समर्थन न होता तो आपको महाराष्ट्र में कौन जानता? आप हमें हिंदुत्व सिखाने वाले हैं कौन? उद्धव ने कहा कि जब मुंबई में दंगे हो रहे थे, मराठा लोगों ने महाराष्ट्र में सभी हिंदुओं को बचाया था, चाहे वो कोई भी होंगे। अगर आप विरोध के लिए, न्याय पाने के लिए लड़ रहे मराठी लोगों को गुंडा कह रहे हैं तो ठीक है, हम गुंडा हैं।

हिंदी का थोपा जाना बर्दाश्त नहीं

इससे पहले इस मौके पर राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी अच्छी भाषा है। हमें हिंदी अच्छी लगती है। सारी भाषाएं अच्छी हैं। लेकिन, हिंदी भाषा को थोपा जाना बर्दाश्त नहीं। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण त्रिभाषा फार्मूले पर फैसला वापस लिया। त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का मुख्य हिस्सा था।

अंग्रेजी जानकर भी मराठी से कोई समझौता नहीं होगा

राज ठाकरे ने आगे कहा कि भाषा का व्यक्ति से क्या लेना-देना? बालासाहेब ठाकरे और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई की। बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की, अंग्रेजी अखबार में काम किया लेकिन मराठी को लेकर कभी समझौता नहीं किया। दक्षिण भारत के कई राजनीतिक नेता और फिल्मी हस्तियां अंग्रेजी विद्यालयों में पढ़ी, लेकिन उन्हें तमिल और तेलुगु भाषा पर गर्व है। लालकृष्ण आडवाणी ने सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में पढ़ाई की, जो एक मिशनरी स्कूल था, लेकिन उनके हिंदुत्व पर शक कर सकते हैं?

महाराष्ट्र से बड़ा कोई मुद्दा नहीं

मनसे चीफ ने कहा कि महाराष्ट्र से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है। महाराष्ट्र के लिए जो कर सकते हैं करेंगे। राज ठाकरे ने इस दौरान कहा कि भाषा के बाद यह लोग जाति की राजनीति करेंगे। ये मराठी लोगों को कभी एक साथ नहीं आने देंगे। राज ठाकरे ने कहाकि हिंदी बोलने वाले राज्य आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। लोग वहां से भागकर गैर हिंदीभाषी प्रदेशों की तरफ आ रहे हैं। क्यों नहीं हिंदी ने इन राज्यों को आगे बढ़ने में मदद की?

ये सिर्फ वोट के लिए ऐसा कर रहे

राज ठाकरे ने आगे कहा कि यह लोग बस वोट के लिए ऐसा कर रहे हैं। अगर हिंदी लागू करने का यह फैसला चुपचाप स्वीकार कर लिय जाता तो आगे यह लोग अगले कदम के रूप में मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर देते। उन्होंने कहाकि हिंदी भाषी राज्यों पर कई साल तक मराठा शासन रहा। लेकिन, क्या वहां पर कभी हमने मराठी लागू करने की कोशिश की? राज ठाकरे ने तंज करते हुए कहा कि मंत्रियों की हिंदी सुनोगे तो गिर पड़ोगे।