One Celebration Two Cards : मांडू उत्सव का उद्घाटन 7 को या 11 को, दो कार्ड बंटे!

दो कार्ड जारी करने से इवेंट कंपनी की फजीहत हुई!

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One Celebration Two Cards : मांडू उत्सव का उद्घाटन 7 को या 11 को, दो कार्ड बंटे!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Dhar : जिले की पर्यटक नगरी मांडू में 7 जनवरी से 11 जनवरी तक 5 दिवसीय मांडू उत्सव मनाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों की तरह इस साल इसका जिम्मा इवेंट कंपनी के पास है। इस सांस्कृतिक आयोजन को लेकर हमेशा से ही इवेंट कंपनी की मनमानी और लापरवाही के कारनामे सामने आते रहते है। इस वर्ष भी शुभारंभ में ही कुछ ऐसा ही होता दिखाई पड़ रहा है।

मांडू उत्सव को लेकर जो आमंत्रण पत्र पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों को प्रेषित किए गए है उनमें बताया गया है कि मांडू उत्सव का उद्घाटन 11 जनवरी 2023 दोपहर साढ़े 3 बजे कॉन्सर्ट डिस्ट्रिक्ट, जामा मस्जिद में प्रदेश की पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर के मुख्य आतिथ्य में होगा। आयोजन के विशिष्ट अतिथि के रूप में उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, सांसद छतरसिंह दरबार होंगे।

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जिला पंचायत अध्यक्ष सरदारसिंह मेडा, सभी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मांडव नगर पंचायत की अध्यक्ष मालती जयराम गावर का नाम अतिथि के रूप में है। मांडू उत्सव 7 से 11 जनवरी तक होना है, ऐसे में कार्ड में उद्घाटन समारोह 11 जनवरी को होना लोगों को असमंजस डाल रहा है। जिन्हें कार्ड मिला वे सोच रहे हैं कि क्या उद्घाटन का दिन ही अंतिम दिन होगा।

हालांकि इस मामले में हो हल्ला होने के बाद इवेंट कंपनी ने दूसरा कार्ड जारी किया। इसमें उद्घाटन कार्यक्रम 7 जनवरी दिखाया गया। उद्घाटन समारोह के कार्ड में ही तारीख से संबंधित इतनी बडी भूल दर्शाता है कि इवेंट कंपनी मांडू उत्सव को कितनी गंभीरता से लेती है! इस संबंध में कंपनी के जनसम्पर्क प्रभारी आयुष गर्ग ने बताया कि प्रिंटिंग मिस्टेक हो गई, इसलिए यह असमंजस हो गया। अब स्थिति साफ है कि उद्घाटन 7 जनवरी को ही होगा। खामियों में भरे इस इनविटेशन कार्ड में कई गलतियां है। एक बड़ी गलती यह है कि पर्यटन मंत्रालय, मध्यप्रदेश लिखा गया है, जबकि राज्यों में विभाग होते हैं न कि मंत्रालय! लगता है इवेंट कंपनी के लोगों में सामान्य समझ का भी अभाव है।

जबकि, असलियत ये है कि ये आयोजन 11 जनवरी को ही होना था। लेकिन, इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन के कारण इसकी तारीख आनन-फानन में बदली गई। क्योंकि, विदेश से आने वाले प्रवासियों को भी ‘मांडू उत्सव दिखाना है! अब ये बात अलग है कि उन्हें ये मालवा, निमाड़ और आदिवासियों की कौनसी संस्कृति दिखाएंगे!