मोहन का एक साल: आर्थिक स्थिति समृद्ध होती रहे और प्रदेश विकास के पथ पर बढ़ता रहे…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक साल पूरा हो गया है। मोहन यादव ने ‘क्या खोया, क्या पाया’ की तर्ज पर एक साल की उपलब्धियों का जिक्र किया। खोने जैसा तो कुछ नहीं है, पाने का हिसाब गिनाते-गिनाते मुख्यमंत्री ने बेहतर मध्यप्रदेश की तस्वीर दिखाई है। आज डॉ. मोहन यादव दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। हम उनकी बताई कुछ उपलब्धियों का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने सभी पक्षों को खुलकर स्वीकार किया है। इनमें सबसे प्रमुख जिक्र लाड़ली बहना योजना का है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तीकरण भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता रही है। इसी राह पर चलते हुए हमारी सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है, जो देश में सबसे ज्यादा है। सरकार ने लाड़ली बहना योजना में 1.29 करोड़ बहनों के खातों में 19212 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डाली है। इस योजना के बारे में हमारे विरोधी कह रहे थे कि यह योजना चल नहीं पाएगी, लेकिन यह योजना लगातार चल रही है। उन्होंने कहा कि महिला कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाएं निर्बाध रूप से चलती रहे, इसके लिए हमारी सरकार अपनी आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है। इसके साथ ही हमारी सरकार 26 लाख लाडली बहनाओं को 450 रुपए गैस रिफिलिंग का दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिला उद्यमियों को हमने 850 एमएसएमई इकाइयों में 275 करोड़ की राशि का सीधा अंतरण किया है। इसके साथ ही सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना में 19 लाख से अधिक बालिकाओं को 57 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि अंतरित की गई है। इसमें उन्होंने खुलकर स्वीकार किया है कि महिला कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाएं निर्बाध रूप से चलती रहें, इसके लिए हमारी सरकार अपनी आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भरपूर प्राकृतिक संसाधन हैं। जल की उपलब्धता भरपूर है। खनिज हैं, वन संपदा है और वन्यप्राणी हैं। समृद्ध सांस्कृतिक और पुरातत्विक विरासत है। यहां कृषि, पशुपालन, उद्योग और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। बीते एक साल में हमारी सरकार ने इन संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और किसानों, महिलाओं, युवाओं के विकास तथा गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने के प्रयास किए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी का स्वप्न था कि यदि देश की नदियों को जोड़ दिया जाए, तो देश के अनेक हिस्सों से जलसंकट को समाप्त किया जा सकता है। स्व. अटलजी के इस सपने को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश सरकारों ने केन-बेतवा नदियों को जोड़ने का निर्णय लिया। हमारी सरकार ने इस परियोजना में आ रही जटिलताओं को दूर किया और स्व. अटलजी की जयंती पर प्रधानमंत्री जी इस परियोजना का भूमिपूजन करेंगे। इस परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 11 जिलों को लाभ होगा। सिंचाई के अलावा पेयजल का संकट भी खत्म होगा। कभी सूखे कहे जाने वाले बुंदेलखंड में सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। इसी तरह हमारी सरकार राजस्थान सरकार के साथ चंबल-काली सिंध-पार्वती नदियों को जोड़ने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं, जो अब अंतिम चरण में हैं। इन नदियों को जोड़े जाने से पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों को न सिर्फ सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र में उद्योगों का भी विकास होगा। डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ पर्व के दौरान उज्जैन आने वाले श्रद्धालु शिप्रा के पवित्र जल से स्नान कर सकें, इसके लिए शिप्रा में मिलने वाली कान्ह नदी के पानी को उज्जैन से 20 कि.मी. पहले ही रोक दिया है और शिप्रा को रीचार्ज करने की व्यवस्था की जा रही है। डॉ. यादव ने कहा कि जल संसाधन के बेहतर उपयोग के लिए आने वाले समय में हम प्रदेश की अन्य नदियों को भी जोड़ने के कदम बढ़ाएंगे। पशुपालन से हमारे किसान समृद्ध होंगे। युवाओं के लिए अवसर बढ़ रहे हैं। गरीबों का जीवन बदल रहा है। सनातन संस्कृति का पुर्नजागरण हो रहा है। सुशासन की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं। हर व्यक्ति को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। औद्योगिक विकास के रास्ते पर प्रदेश बढ़ रहा है।
डॉ. मोहन यादव को एक साल पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई शुभकामनाएं। डॉ. मोहन यादव के साथ मध्यप्रदेश आगे बढ़ता रहे। विपक्ष को भी संतुष्टि का अवसर मिले। सत्ता पक्ष और विपक्ष प्रदेश के विकास रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं। यही लोकतंत्र का भाव है। इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों का संतुलित रवैया जरूरी है। डॉ. मोहन यादव ने एक साल की उपलब्धियों में आय बढ़ाने की जो बात कही है, वह मन मोहने वाली बात है। तो योजनाएं चलती रहें, आर्थिक स्थिति समृद्ध होती रहे और प्रदेश विकास के पथ पर बढ़ता रहे…।