Online Fraud : पाइप गैस कनेक्शन काटने का झांसा देकर 8 लोगों से सवा 4 लाख हड़पे!  

अवंतिका गैस एजेंसी के 8 पीड़ितों को मिला बिल नहीं भरने का मैसेज!

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Online Fraud : पाइप गैस कनेक्शन काटने का झांसा देकर 8 लोगों से सवा 4 लाख हड़पे!

Indore : अवंतिका पाइप गैस एजेंसी के 8 उपभोक्ताओं के साथ बिल नहीं भरने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी हुई। सभी को कनेक्शन काटने का झांसा देकर सवा 4 लाख रुपए ऐंठ लिए। गैस कनेक्शन धारकों को मोबाइल पर मैसेज भेजा गया था। पुलिस की तमाम समझाइश और एडवाइजरी जारी करने के बावजूद लोग ठगों की बातों में आकर अपना पैसा गंवा रहे हैं।

अवंतिका गैस कनेक्शन काटने का झांसा देकर ठगी के कई मामले क्राइम ब्रांच के पास पहुंचे हैं। मोबाइल पर एपीके फाइल डाउनलोड कराकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। इसके चलते पीड़ित के मोबाइल का एक्सेस ठगों के पास पहुंच जाता है और वे आसानी से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर खाते से रुपए निकाल लेते हैं।

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठग लोगों के मोबाइल पर मैसेज करके बताते है कि आपके बिल का भुगतान अपडेट नहीं हुआ है। रात 9 बजे तक बिल जमा नहीं हुआ तो कनेक्शन काट देंगे। मैसेज में मोबाइल नंबर भी दिया जाता है। इसे गैस कंपनी का मैसेज मानकर पीड़ितों ने उक्त नंबर पर संपर्क किया। सम्पर्क करने पर ठग ने पीड़ित को बताया कि आपको एप भेज रहे हैं। इसे मोबाइल में डाउनलोड करें।

डेबिट कार्ड की जानकारी ली

एप को डाउनलोड करते ही बैंक खाता की जानकारी मांगी गई। बाद में एटीएम या डेबिट कार्ड की जानकारी भी उससे ली गई। जानकारी देने के कुछ देर बाद पीड़ितों के मोबाइल पर खाते से पैसे कटने के मैसेज आने लगे। यह देखकर पीड़ित परेशान हो गए। उन्होंने फिर उस नंबर पर संपर्क किया तो बताया कि यह पैसा जल्दी आपको रिफंड हो जाएगा। बाद में ठग ने फोन उठाना बंद कर दिया गया।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से शॉपिंग की

इस तरह से ओमप्रकाश से 33118 रुपए, भुवन से 80528 रुपए, हरीश से 74 हजार, अशोक से 59354 रुपए, गिरीश से 40 हजार, विक्की से 93 हजार, पूनम से 38251, आलोक से 5832 रुपए, कुल 4 लाख 24 हजार रुपए की ठगी की गई। इसकी शिकायत पीड़ितों ने साइबर हेल्प लाइन नंबर पर की। इसमें बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर शॉपिंग की गई है।

एप डाउनलोड कराया जाता 

न दंडोतिया ने बताया है की कंपनी के रजिस्टर्ड ग्राहकों के पास ही इस तरह के मैसेज आ रहे हैं। ठगों द्वारा जो एपीके फाइल डाउनलोड कराई जाती है वह दरअसल में स्क्रीन शेयरिंग एप होता है। यह मोबाइल में डाउनलोड होने पर आपके मोबाइल का पूरा एक्सेस ठगों के पास चला जाता है। इस तरफ आपके मोबाइल में गैलरी और कांटेक्ट लिस्ट देख सकते हैं। साथ ही जो ओटीपी नंबर ट्रांजेक्शन के दौरान कनेक्शन लोगों के रोजमर्रा की जरूरत में शामिल रहता है तो काफी हद तक लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।