Amazing Online Fraud : ठगी के लिए 500 Rs में लोगों के बैंक खाते खुलवाए!
Indore : पीथमपुर की एक कंपनी से रिटायर हुए अधिकारी के बैंक खाते से ऑनलाइन 22 लाख रुपए उड़ाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को राज्य सायबर सेल पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी पांच सौ रुपये का लालच देकर लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनका उपयोग करता था। उसे इसके एवज में प्रति खाता पांच हजार रुपए मिलते थे। इन खातों का उपयोग ठगी के रुपये रखने के लिए होता और ATM कार्ड से बाद में रुपए निकाल लिए जाते। पुलिस के हाथ एक दर्जन से अधिक खातों की जानकारी लगी है।
राज्य सायबर सेल के SP जितेंद्र सिंह के अनुसार 18 मार्च को कार्यालय में फोर्स मोटर पीथमपुर से रिटायर्ड हुए फरियादी ने शिकायती आवेदन दिया था, जिसके तहत आवेदक के HDFC बैंक के खाते से लगभग 22 लाख रुपए अज्ञात व्यक्ति ने धोखाधड़ी कर ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए थे। मामले में आरोपी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। संदिग्ध बैंक खाते और मोबाइल नंबर के नाम पते की तस्दीक के लिए एक टीम जबलपुर भेजी गई।
इस पर संदिग्ध यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाते धारक वीरेंद्र ठाकुर कटरा मोहल्ला पाटन जिला जबलपुर से पूछताछ की गई। उसने बताया कि 500 रुपए के लालच में उसने बैंक खाता खुलवाकर ऋषभ जैन निवासी पाटन जबलपुर को दिया था। इस पर पुलिस की टीम ने ऋषभ को पकड़ा और पूछताछ की तो उसने बताया कि वह रेलवे में एसी कोच में अटेंडर की नौकरी करता था।
प्रति खाता पांच हजार
प्रिंस नाम के व्यक्ति से उसकी वाट्सएप काल व मैसेज के माध्यम से बातचीत शुरू हुई। बाद में प्रिंस ने फोन पर बात की और बैंक खाते खुलवाकर देने पर प्रति खाता 5 हजार रुपए देने का प्रलोभन दिया। इसके बाद ऋषभ ने कई लोगों के बैंक खाते खुलवा कर प्रिंस को दिए। ऋषभ खाते खुलवाने के लिए जान पहचान के लोगों के अलावा, मजदूर, गरीब व अनपढ़ लोगों से संपर्क करता था।
- आरोपी दसवीं तक पढ़ा
आरोपी बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की सिम भी खाता धारक से खरीदवाकर खुद रख लेता था। आरोपी ऋषभ दसवीं तक पढ़ा हुआ है। ऋषभ के खाते में भी कुछ रुपए डाले गए। ऋषभ कोरियर के माध्यम से प्रिंस को बैंक खाते की पासबुक, एटीएम कार्ड व रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भेजता था। पुलिस ने ऋषभ के पास से मोबाइल फोन, सिम व अन्य खाता धारकों के बैंक खातों के दस्तावेजों की फोटोकॉपी जब्त की है।
एटीएम से पैसे निकाले
SP सिंह के अनुसार जांच में यह सामने आया है कि ऋषभ ने प्रिंस नामक व्यक्ति को बैंक खातों की जानकारी भेजी। इसके बाद संबंधित बैंक के ATM के जरिए रुपए मुंबई से निकाले गए। इस मामले में आगे और भी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। वहीं ऋषभ से करीब 15 लोगों के बैंक खातों की जानकारी मिली है, जो उसने पांच सौ रुपये देकर खुलवाए थे। इन खातों में कितना लेनदेन हुआ, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।