

Operation Sindoor: पहलगाम हमले का बदला, सिंदूर का सम्मान- महिलाओं के दर्द और देश के गुस्से का प्रतीक,सटीकता और संयम का प्रतीक
22 अप्रैल, 2025 का वह काला दिन, जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर कहर बरपाया, भारत के इतिहास में एक गहरी चोट के रूप में दर्ज हो गई। आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को उनके परिवारों से अलग कर निर्ममता से सिरों में गोली मारी। नवविवाहित महिलाओं के माथे का सिंदूर छीन लिया गया, उनके सपनों को रौंद दिया गया। इस जघन्य हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। लेकिन भारत चुप नहीं रहा। उसने जवाब दिया है — *ऑपरेशन सिंदूर* के रूप में, जो न केवल एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि उन महिलाओं के सम्मान और देश की संप्रभुता का प्रतीक भी बन गया है।
*मध्यरात्रि में गूंजी भारत की हुंकार*
7 मई, 2025 को, जब पाकिस्तान गहरी नींद में डूबा था, भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंक के गढ़ों पर कहर बरपाया। भारतीय सेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन (एडीजीपी) ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से रात 1:28 बजे एक 64 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया। वीडियो के साथ संदेश था: “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः”—हमले के लिए तैयार, जीत के लिए प्रशिक्षित। इसके 23 मिनट बाद, रात 1:51 बजे, एक और पोस्ट ने दुनिया को हिला दिया। ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर के साथ लिखा था: *”इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद।”*
*ऑपरेशन सिंदूर: सटीकता और संयम का प्रतीक…*
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की एक संयुक्त कार्रवाई थी, जिसने आतंक के नौ ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर और शकरगढ़ में आतंकी अड्डों पर मिसाइलों और लॉयटरिंग म्यूनिशंस (घातक ड्रोन) से हमला किया गया। भारतीय खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत ने इस कार्रवाई में अद्भुत संयम दिखाया। केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो। प्रीसिशन स्ट्राइक वेपन्स की मदद से हर हमला सटीक और घातक था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में हाई-इंटेंसिटी लेजर-गाइडेड मिसाइल्स और स्वदेशी ड्रोन जैसे ‘नाग’ और ‘रुस्तम-2’ का भी इस्तेमाल किया गया।
*पहलगाम हमले का बदला, सिंदूर का सम्मान…*
पहलगाम हमले में आतंकियों ने न केवल निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि एक पूरे समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंचाई। हमले में मारे गए लोगों में कई ऐसे पुरुष थे, जिनकी पत्नियां अपने हनीमून के लिए पहलगाम आई थीं। इन महिलाओं के माथे का सिंदूर छीनने वाले आतंकियों को सबक सिखाने के लिए भारत ने इस ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखा। यह नाम केवल एक सैन्य कार्रवाई का नाम नहीं, बल्कि उन महिलाओं के दर्द और देश के गुस्से का प्रतीक है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऑपरेशन भारत की सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की तर्ज पर था, लेकिन इसकी व्यापकता और प्रभाव कहीं अधिक था। ऑपरेशन में शामिल सैनिकों ने नाइट विजन डिवाइसेज, थर्मल इमेजिंग सिस्टम और सैटेलाइट-आधारित रियल-टाइम इंटेलिजेंस का उपयोग किया, जिसने इसे और भी घातक बनाया।
क्षेत्र में तनाव, उड़ानें रद्द : इस ऑपरेशन के बाद सुरक्षा कारणों से श्रीनगर, जम्मू, लेह, धर्मशाला और अमृतसर हवाई अड्डों से 7 मई, 2025 को सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। रक्षा मंत्रालय ने इसे एक एहतियाती कदम बताया है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
*वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत का रुख…*
ऑपरेशन सिंदूर की खबर ने वैश्विक समुदाय को स्तब्ध कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया। भारत ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी और उसका उद्देश्य क्षेत्रीय शांति को बनाए रखना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा, “भारत ने हमेशा शांति का रास्ता चुना है, लेकिन जब बात हमारे नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की आती है, तो हम चुप नहीं रह सकते। ऑपरेशन सिंदूर उन सभी को जवाब है, जो भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की हिमाकत करते हैं।”k
*आगे क्या?*
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने रख दिया। लेकिन यह कार्रवाई क्षेत्रीय तनाव को भी बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस हमले का जवाब देने की कोशिश कर सकता है, लेकिन भारत की तैयारियों के सामने उसकी हिम्मत शायद ही काम करे।
पहलगाम की उन महिलाओं के लिए, जिन्होंने अपने सुहाग को खोया, यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य जीत नहीं, बल्कि उनके दर्द का एक जवाब है। भारत ने दिखा दिया कि वह अपने नागरिकों के सम्मान और सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।