Opposition to Burning UC Garbage : यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में कांग्रेस का आंदोलन!
धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Pithampur (Dhar) : यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का विरोध अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका विरोध बढ़ता नजर आ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में स्थित पीथमपुर वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) ग्रुप की कंपनी में भोपाल गैस कांड और यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाए जाने के विरोध में आज जिला कांग्रेस खड़ा हुआ।
पीथमपुर के महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर भोपाल गैस कांड यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेताओं ने विशाल धरना-प्रदर्शन किया। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कुक्षी के विधायक पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, बदनावर विधायक भंवरसिंह शेखावत, धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार, पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, अल्पसंख्यक नेता मुजीब कुरैशी, जिले की युवा कांग्रेसी नेत्री शुभांगना राजे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता, जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान शामिल लोगों द्वारा हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही शामिल नेताओं द्वारा सभा को संबोधित करते हुए उक्त यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाए जाने पर अपना विरोध प्रकट करते हुए सरकार से हस्तक्षेप कर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई।
न्यायालय के आदेश के बाद से गत कई दिनों से स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधि और क्षेत्रवासी यूनियन कार्बाइड के कचरे का विरोध कर रहे हैं। आंदोलन में पहुंचे जीतू पटवारी ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार की मंशा यूनियन कार्बाइड की जो जमीन भोपाल में है। यह उसको हड़पने की साजिश है, इसलिए कचरा पीथमपुर में जलाया जा रहा है। भोपाल में हुए गैस कांड की तर्ज पर उक्त यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को यहाँ जलाने का दुष्प्रभाव पीथमपुर क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेंगे।
पटवारी ने कहा कि ये नागरिकों की लड़ाई
पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी के लोग मद से मदमस्त है। बेंडे हाथी हो गए। पागल हाथी जंगल में रहता है। यहां की विधायक का दायित्व नहीं है कि इस लड़ाई को लड़ने का विचार करें! वे विधायक बनी, उनके पति भी राज्यसभा सदस्य थे, क्या उनका दायित्व नहीं है! उनको भी आगे आना चाहिए। बीजेपी का अहंकार रावण से भी बड़ा हो गया.यह एक दिन की लड़ाई नहीं है, यह लगातार लड़ने वाली लड़ाई है। यह कांग्रेस-बीजेपी की लड़ाई नहीं नागरिकों की लड़ाई है।