Opposition to Land Acquisition : 34 किमी के पश्चिमी बायपास के लिए किसानों की उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण से आक्रोश!
ज्यादा भूमि अधिग्रहण से भी नाराजगी बढ़ी, चार गुना मुआवजा देने की मांग उठी!
Indore : शहर के बिगड़ते यातायात को सुधारने और भारी वाहनों को शहर सीमा से बाहर करने के लिए NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने पश्चिमी रिंग रोड के 34 किलोमीटर मार्ग पर पश्चिमी बायपास निर्माण का फैसला किया है। इसके लिए टेंडर बुलाए गए तथा भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।
किसानों की उपजाऊ भूमि बायपास के लिए उपयोग किए जाने से इंदौर जिले के सांवेर, देपालपुर, पीथमपुर एवं धार जिले के किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि सरकार ने जो मुआवजा राशि तय की है वह बाजार भाव से एक चौथाई भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए, लेकिन शासन ने किसानों को गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला किया है। इसे लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। जब सरकारी अधिकारियों की टीम गांव पहुंची तो किसानों ने उनका जमकर विरोध किया।
वंदे भारत एक्सप्रेस का ये Time-Lapse Video देखते ही रह जाएंगे आप !
डेढ़ सौ से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे
पश्चिमी बायपास में इंदौर जिले की सांवेर, देपालपुर, पीथमपुर के डेढ़ सौ से ज्यादा गांव सीमा में आ रहे हैं। इनमें हातोद के अरनिया,उषापुरा, मिर्जापुर, बड़ोदिया पंथ, आकासोदा, सिकंदरी, पलोदी, जिंदा खेड़ा, नाहर खेड़ा, बसांद्रा, कराड़िया, पलासिया, जम्मुडी सर्वर, मांगलिया, अरनिया और अजनोटी इसी तरह सांवेर तहसील के बालोदा टाकून, सोलसिंदा, जिंदा खेड़ा, रतन खेड़ी, धतुरिया, मंडला हुसैन, बरलाई जागीर, ब्राह्मण पिपलिया, जेतपुरा, पीर कराडिया, सुकलिया और काशीपुर, देपालपुर तहसील के बड़ोदिया पथ, बेटमा खुर्द, मोहना, ललेडीपुरा, अंबापुरा, किशनपुरा, पीथमपुर के जमोदी, बरदरी धार के कल्याण खेड़ी, खंडवा और अकोलिया सहित डेढ़ सौ से ज्यादा गांव अधिग्रहण की जद में आ रहे हैं। किसानों का आरोप है कि बायपास के लिए शासन द्वारा जरूरत से ज्यादा भूमि अधिग्रहित करने के नोटिस जारी किए हैं। जो किसानों के साथ तो अन्याय है साथ ही उपजाऊ भूमि भी कम करेगा। जिससे मध्य प्रदेश की खेती का रकबा घट जाएगा, यह निर्णय किसान विरोधी है।
किसान आंदोलन करेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मांग की है कि बायपास के लिए जितनी जरूरी जमीन है, केवल वही अधिग्रहित की जाए। साथ ही जिन किसानों की भूमि ली जा रही है, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दिया जाए। यदि सरकार अपने फैसले में उक्त मांगों को शामिल नहीं करती है और मुआवजे की राशि नहीं बढ़ाती तो मोर्चा इंदौर और धार जिले के किसानों को गोल बंद कर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाएगा। इसमें तमाम किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। जल्द ही इसके लिए प्रभावित गांवों के किसानों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप देगा।